Jamshedpur (Dharmendra Kumar) : स्वर्णरेखा नदी के जल में उद्योग व अन्य स्रोतों से होने वाले प्रदूषण पर एनजीटी द्वारा संज्ञान लिया गया है. नदी के पानी की स्वच्छता बनाये रखने के लिए प्रशासनिक इंतजामों पर विस्तृत चर्चा को लेकर उपायुक्त विजया जाधव ने संबंधित पदाधिकारियों एवं सभी स्टेक होल्डर के साथ बुधवार को बैठक की. उपायुक्त ने प्रदूषण बोर्ड को नदी के जल में उद्योग से होने वाले प्रदूषण को लेकर एक विस्तृत सर्वे रिपोर्ट बनाकर समर्पित करने के निर्देश दिए हैं. वहीं तीनों नगर निकाय क्षेत्र से नदी में गिरने वाले नालों के गंदे पानी को ट्रीटमेंट के बाद ही नदी में छोड़े जाने का निर्देश दिया गया.
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कचड़ा डंपिंग यार्ड की प्रगति की समीक्षा की
उपायुक्त ने कहा कि नदी के पानी में नालों से प्लास्टिक, कपड़े या अन्य सॉलिड वेस्ट बहकर नहीं जाएं, इसे सभी नगर निकाय सुनिश्चित करे. एसटीपी पर विशेष रूप से फोकस करने तथा सभी नालों में जाली लगाकर सॉलिड वेस्ट को अलग करने का निर्देश दिया गया. वहीं खैरबनी में निर्माणाधीन कचड़ा डंपिंग यार्ड की प्रगति की समीक्षा की गई. उपायुक्त ने विशेष पदाधिकारी से पूछा कि कब तक खैरबनी में डंपिंग शुरू हो सकेगा, किन कारणों से देरी हो रही है. उपायुक्त ने जेएनएसी के विशेष पदाधिकारी को अधतन रिपोर्ट समर्पित करने का निर्देश दिया. बैठक में एसडीएम धालभूम पीयूष सिन्हा, निदेशक डीआरडीए सौरभ सिन्हा, प्रदूषण बोर्ड के पदाधिकारी, तीनों नगर निकाय के प्रतिनिधि, जुस्को, टाटा मोटर्स व अन्य स्टेक होल्डर मौजद थे.
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