Jamshedpur (Vishwjeet Bhatt) : टीके रियल एस्टेट प्राइवेट लिमिटेड के नक्शा विचलन कर कमर्शियल पार्किंग के नक्शे पर सात मंजिला कॉर्पोरेट टावर्स बना देने के मामले में उपायुक्त का पहला आदेश दबा कर बैठी जेएनएसी को रिमाइंडर का डोज दिया गया है. यह रिमाइंडर उपायुक्त के आदेश पर एडीसी ने जमशेदपुर अधिसूचित क्षेत्र समिति को भेजा है. देखना ये है कि इस रिमाइंडर का कितना असर जेएनएसी पर होता है.
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आदेश को दबाकर बैठी थी जेएनएसी
इस मामले में इसके पहले उपायुक्त ने गत 12 अक्टूबर 2022 को जेएनएसी को एक पत्र के माध्यम से आदेश दिया था कि विशेष पदाधिकारी इस मामले की गंभीरता से जांच करें और इसके बाद जिला दंडाधिकारी के कोर्ट बाकायदा केस दर्ज कराएं. तब से जेएनएसी इस आदेश को दबाकर बैठी है. रिमाइंडर इसी महीने यानि 24 नवंबर को भेजा गया है. उल्लेखनीय है कि टीके रियल एस्टेट प्राइवेट लिमिटेड के इस कारनामे को शुभम संदेश ने प्रमुखता से प्रकाशित किया था. इसके बाद ही जिला प्रशासन सक्रिय हुआ और मामला दबा कर बैठी जेएनएसी को रिमाइंडर भेजा.
2008 में पार्किंग के लिए सबलीज पर मिला था भूखंड
बताते चलें कि टीके रियल एस्टेट प्राइवेट लिमिटेड ने जमशेदपुर अधिसूचित क्षेत्र समिति (जेएनएसी) से बेसमेंट सहित चार मंजिला व्यावसायिक पार्किंग का नक्शा पास कराकर सात मंजिला टीके कॉर्पोरेट टावर्स का भवन बना दिया. अभी भी वहां निर्माण कार्य चल ही रहा है. टीके रियल एस्टेट प्राइवेट लिमिटेट के मालिक तेजवीर सिंह को टाटा स्टील के लैंड डिपार्टमेंट ने वर्ष 2008 में व्यावसायिक पार्किंग बनाने के लिए 45 कट्ठा का एक भूखंड सबलीज पर दिया. इस भूखंड पर जेएनएसी ने एक सितंबर 2010 को बेसमेंट सहित चार मंजिला व्यावसायिक पार्किंग बनाने का नक्शा पास किया. बिल्डर ने भवन के एक कोने में छोटी सी पार्किंग बनाकर बाकी जमीन और पार्किंग के ऊपर टीके कारपोरेट टावर्स की बिल्डिंग ठोक दी.
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रोज नये-नये शोरूम व दुकानें खुलने का सिलसिला जारी
इसकी शिकायत जेएनएसी, टाटा स्टील, राज्यपाल, मुख्य सचिव, नगर विकास विभाग के सचिव और उपायुक्त से भी की गई, लेकिन कहीं कुछ भी नहीं हुआ. जेएनएसी ने अब तक टीके रियल एस्टेट प्राइवेट लिमिटेड को न तो ऑक्यूपेशन सर्टिफिकेट दिया है और न ही कंप्लीशन सर्टिफिकेट ही. इसके बावजूद टीके कॉर्पोरेट टावर्स में कई बैंकों की शाखाएं खुल गईं हैं. कई फाइनेंस कंपनियों के दफ्तर खुल गए हैं और दर्जनों शाेरूम भी खुल गए हैं. हर रोज नये-नये शोरूम व दुकानें आदि खुलने का सिलसिला जारी है. टीके रियल एस्टेट प्राइवेट लिमिटेड का यह प्राजेक्ट लगभग 100 करोड़ रुपये का है. जिला प्रशासन के फिर सक्रिय होने और रिमाइंडर भेजे जाने के बाद शिकातकर्ता व आरटीआई कार्यकर्ता सदन ठाकुर को भी कार्रवाई की कुछ उम्मीद दिख रही है.