Jamshedpur : जमशेदपुर शहरी क्षेत्र में वॉक इन मोड वाले टीकाकरण केंद्रों पर गुरुवार को भीड़ उमड़ पड़ी. किसी भी सेंटर पर वैक्सीन डोज दिए जाने की क्षमता से कहीं अधिक लोग कतार में लगे दिखे. कतार में लगने के दौरान उनके बीच सोशल डिस्टेंसिंग पूरी तरह से गायब रहा. वैक्सीन की कमी के कारण लोगों को कई दिनों तक इंतजार करना पड़ रहा है. सेकेंड डोज का समय आ जाने के बाद भी वैक्सीन उपलब्ध नहीं हो पाने के कारण अचानक पैक्सीन उपलब्ध होने से इस प्रकार की स्थिति उत्पन्न हो रही है.
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100 लोगों की डोज की क्षमता, लेकिन जुटे 200 से अधिक लोग
एमजीएम मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल स्थित टीकाकरण केंद्र में कोविशील्ड का 100 डोज ही उपलब्ध है, लेकिन इस सेंटर पर 200 से अधिक लोगों की भीड़ देखी गई. सोनारी बाल बिहार केंद्र पर भी सेंटर खुलने के पहले ही लोगों की लंबी कतार देखी गई. इसी तरह मानगो डिमना रोड स्थित राजस्थान भवन में ढाई सौ लोगों के लिए टीका उपलब्ध है लेकिन वहां 400 से ज्यादा लोग कतार में दिखे. हालांकि बाद में 250 लोगों का पंजीकरण पूरा होने के बाद बाकी बचे लोगों को अपने अपने घरों को लौट जाने का निर्देश दिया गया. सेंटर के सुपरवाइजर अंशुमन कुमार ने बताया कि यहां वॉक इन मोड में टीकाकरण किया जा रहा है. जिसके कारण लोगों की अप्रत्याशित भीड़ जमा हो गई है, लेकिन पहले आओ पहले पाओ की तर्ज पर ढाई सौ लोगों का रजिस्ट्रेशन कर लिया गया. उक्त सभी लोगों को कतार के साथ टेंट में बैठाया गया है. एक-एक करके माइक से एनाउंस करके लोगों को बुलाकर टीका दिया जा रहा है.
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कई लोगों को 100 दिन बाद मिला टीका
टीकाकरण केंद्र पर कुछ ऐसे लोग भी मिले, जिन्हें 100 दिन बाद दूसरा डोज मिल पाया. भुईयाडीह के रहने वाले बुजुर्ग नरेश शाह ने पहला डोज गत 23 मार्च को लिया था, दूसरे डोज के लिए वे काफी परेशान थे. इसके लिए उन्होंने कई सेंटरों का चक्कर लगाया, लेकिन उन्हें टीका नहीं मिल पाया. आज सुबह से ही वे एमजीएम अस्पताल सेंटर पर मौजूद थे, जिसके बाद उन्हें दूसरा डोज मिल पाया. 84 दिन की समय अवधि के बाद दूसरा डोज लेने वालों में भालुबासा के रहने वाले दिनेश प्रसाद सिंह एवं भुईयाडीह के रहने वाले अनूप श्रीवास्तव हैं, जिन्हें पहला डोज क्रमशः 10 अप्रैल एवं 13 अप्रैल को मिला था. दूसरा डोज मिलने के बाद दोनों खुश दिखे. वहीं, मानगो के रहने वाले पूर्व सैनिक हरेंद्र राय भाग्यशाली रहे कि उन्हें आज 84 दिन बाद ही दूसरा डोज मिल गया. उन्होंने पहला डोज गत 29 अप्रैल को लिया था.