Jamshedpur (Anand Mishra) : झुलसा देनेवाली धूप और उमस भरी गर्मी सूर्योदय होते ही शुरू हो जा रही है. इसका स्कूली बच्चों के स्वास्थ्य पर खासा प्रभाव पड़ रहा है. इसका उदाहरण शुक्रवार को जमशेदपुर के भालुबासा स्थित हरिजन मध्य विद्यालय में देखने को मिला, जहां सुबह करीब 7:15 बजे ही सातवीं कक्षा की एक छात्रा बेहोश होकर गिर गयी. इससे क्लास के बच्चो में अफरा-तफरी मच गयी. शिक्षकों ने छात्रा को कुर्सी पर बैठाया और पानी के छींटे वगैरह दिये, उसके बाद वह सामान्य हुई. छात्रा ने बताया कि वह घर से केवल बिस्कुट खाकर आयी थी. गर्मी भी बर्दाश्त नही हो रही थी. अचानक उसकी आंखों के सामने अंधेरा छा गया और फिर क्या हुआ उसे पता नहीं. बाद में मध्याह्न भोजन खिला कर छात्रा को घर भेज दिया गया.
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स्कूल के शिक्षक-शिक्षिकाओं ने बताया कि अधिकांश बच्चे बिस्कुट वगैरह या खाली पेट ही स्कूल आ जाते हैं. फिर यहां वे मध्याह्न भोजन खाते हैं. इस संबंध में झारखड प्राथमिक शिक्षक संघ ने जिले की उपायुक्त पत्र सौंप कर बच्चों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए स्कूल के समय में परिवर्तन करने का आग्रह किया है. पत्र के माध्यम से संघ के जिलाध्यक्ष ने कहा है कि ग्रीष्मावकाश के बाद सरकारी विद्यालय खुल गए हैं तथा वर्तमान समय में विद्यालयों का संचालन प्रातः 7:00 बजे से दोपहर 1:00 बजे तक किया जा रहा है. वर्तमान में सुबह 11:00 बजते ही तपती गर्मी पड़ने लगती है. अनेक विद्यालयों में बच्चों के चक्कर खाकर गिरने तथा बेहोश होने की खबरें निरंतर आ रही हैं. इस उमस भरी गर्मी में सुबह 7:00 बजे छोटे बच्चों को सुबह स्कूल बुलाकर ठीक आग उगलती दोपहर में 1:00 बजे छुट्टी देकर घर भेजना कदापि उचित नहीं है.
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श्री सिंह ने बताया कि सरकारी विद्यालय में अधिकांश छात्र गरीब घर से आते हैं, जो सुबह खाली पेट दो-तीन किलोमीटर पैदल चलकर स्कूल आते हैं. चिलचिलाती धूप की चपेट में आने से बच्चों के स्वास्थ्य पर भी प्रतिकूल प्रभाव दिखना शुरू हो गया है. आज पूरे झारखंड प्रदेश में गोड्डा के बाद जमशेदपुर दूसरा सबसे गर्म शहर है, जहां का तापमान 43.6 पर पहुंच गया है. वर्तमान परिपेक्ष्य में जिले की उपायुक्त एवं स्वास्थ्य सह आपदा एवं प्रबंधन विभाग के मंत्री से झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ ने निवेदन है कि इस विकट स्थिति में जान जोखिम में डालकर स्कूल जाने वाले छोटे बच्चों के प्रति स्थिति की गंभीरता के दृष्टिगत गर्मी छुट्टी मानसून आने तक का आग्रह किया गया है. यदि छुट्टी नहीं बढ़ायी जा सकती है, तो विद्यालय संचालन अवधि प्रातः 10:00 बजे तक ही करने की अनुमति दी जाये.
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