- भागवत कथा में भगवान श्री राम और श्री कृष्ण की लीलाओं का किया वर्णन
- बिष्टुपुर सत्यनारायण मारवाड़ी मंदिर में भागवत कथा का चौथा दिन
Jamshedpur (Sunil Pandey) : बिष्टुपुर सत्यनारायण मारवाड़ी मंदिर में चल रहे भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के चौथे दिन सोमवार को भगवान श्री कृष्ण का जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया गया. कथा वाचक हिमांशु महाराज ने व्यासपीठ से श्री राम और श्री कृष्ण जन्मोत्सव कथा के प्रसंग का व्याख्यान करते हुए कहा कि भगवान कृष्ण का जन्म कारागार में हुआ था. फिर भी वे माया से प्रेरित होकर गोकूल पहुंच गए. उन्होंने भगवान कृष्ण की लीलाओं का वर्णन करते हुए कहा कि भगवान मनुष्य योनी में जन्म लेकर दुःख में भी सुखी जीवन जीने की सीख देते हैं. भगवान अंतर्यामी असीम शक्ति के पूंज हैं. लेकिन उन्होंने अधर्म का नाश और धर्म की पुनः स्थापना के लिए श्रीकृष्ण और श्रीराम सहित दशावतार धारण किया.
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भागवत कथा श्रवण मोक्ष प्राप्ति का सरलतम मार्ग है
उन्होंने गृहस्थ में रह कर सदाचार, परोपकार और सत्य के आधार पर जीवन जीने तथा सत्संग के जरिए सर्वव्यापी ईश्वर का नाम स्मरण करने की सलाह दी. मनुष्य के पास थोड़ा सा धन आने के बाद वह अभिमानी बन जाता है, जो नहीं होना चाहिए. उन्होंने कहा कि भागवत स्मरण धर्म, अर्थ, काम मोक्ष प्राप्ति का सरलतम मार्ग है. भगवान श्री कृष्ण ने अर्जुन को समझाया था कि कर्म थोड़ा दुखदायी होता है लेकिन बिना कर्म किये सुख की प्राप्ति भी नहीं हो सकती. अगर कर्म का उद्देश्य पवित्र व शुभ हो तो वही कर्म सत्कर्म बन जाता है.
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बाल गोपाल के गीत पर झूमे श्रद्धालु
कथा वाचक हिमांशु जी महाराज द्वारा कृष्ण जन्मोत्सव पर नंद के घर आनंद भयो जय कन्हैया लाल की एवं गोविंद बोलो हरि गोपाल बोलो गीत पर भक्त जमकर झूमे. भागवत कथा के बाद रात 9 से 12 बजे तक महाराज के साथ मथुरा से आए संगीतकारों ने भगवान के भजन प्रस्तुत किये. श्रीकृष्ण जन्मोत्सव के उपलक्ष्य में लडडु गोपाल को विभिन्न प्रकार की मिठाइयों व मेवे का भोग लगाया गया और कार्यक्रम स्थल पर मौजूद श्रृद्धालुओं को माखन मिश्री व मिष्ठान का प्रसाद वितरण किया गया. इसी के साथ कथावाचक ने श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं में माखन चुराने व गोपियों संग रास रचाने तथा बांसुरी की धुन पर सम्मोहित करने का वर्णन किया.
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