Dharmendra Kumar
Jamshedpur : सर्व पितृ पक्ष अमवस्या पर स्वर्णरेखा नदी तट पर लोगों ने अपने पूर्वजों का तर्पण व पिंडदान किया. पंडित दीपक पांडे ने बताया कि आज के दिन पितरों का तर्पण एवं पिंडदान करने से परिवार पर पूर्वजों का आशीर्वाद बना रहता है. आज पितृ पक्ष अमावस्या एवं माहल्या का संधिकाल है. रविवार से नवरात्री के कलश स्थापना के साथ ही मां दुर्गा पूजा व अराधना शुरू हो जायेगी. आज सैकड़ों की संख्या में लोगों ने स्वर्ण रेखा नदी तट पर अपने पूर्वजों व पितरों का तर्पण व पिंडदान किया.
पितरों का तर्पण, श्राद्ध और पिंडदान करने का आज आखिरी दिन
उल्लेखनीय है कि इस साल पितृ पक्ष की शुरुआत 29 सितंबर को हुई थी, जो 14 अक्टूबर यानी आज सर्वपितृ अमावस्या के साथ समाप्त हो जायेगा. आज के दिन पितरों का तर्पण, श्राद्ध और पिंडदान करने का आखिरी दिन है. सनातन धर्म में पितृ पक्ष का विशेष महत्व है. इस दौरान किसी भी तरह के मांगलिक और शुभ कार्यों को करने की मनाही होती है. इस दौरान केवल पितरों का श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान करने का विधान है. मान्यता है कि 15 दिनों तक चलने वाले पितृपक्ष के दौरान पितर धरती पर आते हैं. सर्व पितृ अमावस्या को महालया अमावस्या, पितृ मोक्ष अमावस्या के नाम से भी जानते हैं.
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