Jamshedpur (Dharmendra Kumar) : गोलमुरी टिनप्लेट वर्कर्स यूनियन के कार्यालय प्रांगण में रविवार को मजदूर वर्ग का प्रतिनिधित्व करने वाली केंद्रीय ट्रेड यूनियन के कोल्हान स्तरीय सम्मेलन का आयोजन किया गया. जिसमें इंटक, एटक, सीटू, ऐक्टू, एचएमएस, एआईयूटीयूसी आदि केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के साथ-साथ अराजपत्रित कर्मचारी, बैंक, बीमा, डाक, बीएसएनएल, सेल्स प्रमोशन, डीवीसी और रेलवे कर्मचारियों के फेडरेशनों एवं झारखंड वर्कर्स यूनियन के कार्यकर्ताओं ने बड़ी संख्या में भाग लिया. सम्मेलन में एक घोषणा पत्र जारी किया गया. जिसमें बताया गया कि आज जनता के साथ-साथ हमारे देश की स्थिति चिंताजनक ही नहीं बल्कि संकटग्रस्त बनी हुई है और इसके लिए केंद्र सरकार की मौजूदा नीतियां ही जिम्मेदार है. जो न केवल मजदूर विरोधी किसान विरोधी और जनविरोधी हैं, बल्कि राष्ट्रविरोधी भी हैं. ये नीतियां न केवल हमारी राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था बल्कि, हमारे देश की एकता और अखंडता के लिए भी विनाशकारी साबित हुई है.
इसे भी पढ़ें : चाईबासा : पुलिस लाइन में पौधरोपण कर लायंस क्लब ने नया सत्र किया शुरू
आम जनता की स्थिति चिंता जनक : कामरेड शशि
कार्यक्रम की अध्यक्षता इंटक के प्रदेश अध्यक्ष राकेश्वर पांडे ने किया. इस अवसर पर कामरेड शशि कुमार ने कहा कि केंद्र सरकार की मजदूर विरोधी, किसान विरोधी एवं जन विरोधी नीतियों के कारण हमारे देश की एवं आम जनता की स्थिति चिंता जनक एवं गंभीर हो गई है. उन्होंने कहा कि पहले हम मजदूरों की सुविधाएं बढ़ाने के लिए आंदोलन करते थे लेकिन अब परिस्थिती बदल गई है और हम मजदूरों को सुविधा दिलाने के लिए आंदोलन करते है. इसके साथ ही सीटू के संजय कुमार और कामरेड तुषार बनर्जी ने भी अपनी बातों को रखा.
इसे भी पढ़ें : चाकुलिया : एफसीआई गोदाम पर हाथियों का हमला, मुख्य गेट और शटर को तोड़ा
ट्रेड यूनियन के नेताओं ने रखे अपने-अपने विचार
इंटक के राकेश्वर पांडे ने कहा कि केंद्र सरकार की विनाशकारी नीतियों से देश और जनता को बचाने के लिए हमें एक साथ काम करने की आवश्यकता है. केंद्र सरकार की मजदूर विरोधी चार लेबर कोड रद्द करने के लिए हर स्तर पर आंदोलन करना होगा. वहीं किसानों को एमएसपी की गारंटी मिले इसके लिए किसानों की आवाज को बुलंद करना होगा. केंद्र सरकार की जन विरोधी नीतियों को खिलाफ हल्ला बोलने की आवश्यकता है. आसंगठित क्षेत्र में कार्यरत मजदूरों को रोजगार के बेहतर अवसर मिले इसके लिए सामुहिक रूप से प्रयास करना होगा. उन्होंने कहा कि एक तरफ कॉर्पोरेट और अति अमीरों के पक्ष में नीतियां लगातार बदली जा रही हैं, तो दूसरी तरफ आय की बढ़ती असमानता, भोजन, दवाओं पर जीएसटी लगाना, पेट्रोलियम उत्पादों पर उच्च उत्पाद शुल्क, स्वास्थ्य और शिक्षा प्रणाली के निजीकरण ने सत्तारूढ़ दल के जनविरोधी चरित्र को उजागर किया है. इस दौरान सरकार की निजीकरण पर रोक, मजदूर वर्ग को कानूनी तथा सामाजिक सुरक्षा सुनश्चित् करने, सामान काम के लिये सामान वेतन, ठेकाकरण का विरोध जैसे विषयों पर विभिन्न ट्रेड यूनियन के नेताओं ने अपने विचार रखे. सम्मेलन का उद्घाटन राकेश्वर पांडे ने किया. संचालन परबिंदर सिंह सोहल, विश्वजीत देब और हीरा अरक ने किया तथा धन्यवाद ज्ञापन मीरा तिवारी ने किया.
इसे भी पढ़ें : जमशेदपुर : सरकार के आदेश के बाद भी वीमेंस कॉलेज के शिक्षक व कर्मचारियों की समस्या जस की तस
सम्मेलन में यह रहे मौजूद
सम्मेलन में सुब्रत बिसवास, तुषार बनर्जी, संजय कुमार, शशि कुमार, संजीव श्रीवास्तव, सुजय राय, ओमप्रकाश सिंह, के के त्रिपाठी, बी एन सिंह, बिस्वाजीत देब, हीरा अर्क, एस के राय, महेंद्र मिश्रा,परबिंदर सिंह सोहल आदि वक्ताओं में अपने विचार रखें. इस अवसर पर के के त्रिपाठी, बिस्वाजीत देब, आर एस रॉय, हीरा अर्क, एस के राय, ओम प्रकाश सिंह,महेंद्र मिश्रा, संजीव श्रीवास्तव, परबिंदर सिंह, मनोज सिंह, केपी तिवारी, सुशील सिंह, राजेश सिंह राजू, बीरबल सिंह, अंजनी कुमार, एस के उपाध्याय, हीरा अर्कने, सतनाम सिंह, गौतम डे, मुन्ना खान, ए रमेश राव, वकील खान, साइ बाबू राजू, जगजीत सिंह, संजय कुमार, एवं भूपेंद्र सिंह, जनार्दन चौबे सहित अन्य लोग उपस्थित थे.
Leave a Reply