- सिखों की पहचान पगड़ी, केश, दाढ़ी को लेकर कभी देश में सवाल नहीं उठे
Jamshedpur (Sunil Pandey) : राष्ट्रीय सनातन सिख सभा के संयोजक अधिवक्ता कुलविंदर सिंह ने कांग्रेस सांसद एवं पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को निशाना साधते हुए कहा कि वह सिखों की पहचान को लेकर अर्ध सत्य बोल रहे हैं. सिखों की पहचान अर्थात पगड़ी, केश दाढ़ी को लेकर कभी भी भारत देश में सवाल नहीं उठे हैं. भारतीय संविधान एवं कानून पर विश्वास रखने वाले किसी भी संस्था अथवा व्यक्ति द्वारा पहचान को लेकर भी प्रश्न नहीं खड़े किए गए. उन्होंने कहा कि पगड़ी, केश और दाढ़ी पर प्रत्येक भारतीय गर्व करता है क्योंकि सिखों का इतिहास, विरासत, परंपरा, कुर्बानी और बलिदान से भरा पड़ा है. अपनी पहचान के साथ सिख कभी समझौता नहीं करता है. भले ही मुगलों ने उनके सिर के दाम लगाए हो या अंग्रेज काला पानी की सजा देते रहे.
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कुलविंदर सिंह ने आज यहां जारी बयान में कहा है कि भारतीय संस्कृति की रक्षा के लिए गुरुओं ने जो किया है उसकी मिसाल दुनिया में कहीं नहीं मिलती है. देश की आन बान शान रूपी इस पगड़ी पर सवाल कुछ स्वार्थी कांग्रेसियों ने खड़े करने शुरू किए थे. वोटों की गोलबंदी कराने के मकसद से सिख वेश में अपने एजेंट तैयार किए, जो बहरूपिया हैं जिन्हें न सिख गुरुओं और ना ही श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी में विश्वास है, ना ही उसके अनुसार जीवन जीते हैं. उन बहरूपियों किरदारों के बहाने सिख पहचान को निशाने पर लिया जाता रहा. आज शक्तिहीन कांग्रेस संघवाद की बात कर रही है. 1978 के आनंदपुर प्रस्ताव उसे देश विरोधी नजर आया और उसमें विदेशी हाथ दिखा. कांग्रेस के नकरात्मक धारणा के कारण देश में अविश्वास का माहौल बनाया गया और नतीजे में 1984 प्रधानमंत्री की हत्या की गई और प्रतिक्रिया में दस हजार से ज्यादा सिख मार दिए गए. अधिवक्ता ने राहुल गांधी को सलाह दी है कि वह अपने पिता राजीव गांधी का कथन पढ़ें और उसे समझने की कोशिश करें कि जब बड़ा पेड़ गिरता है तो धरती हिलती है.
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एडवाइजारी जारी करे केंद्र सरकार
कुलविंदर सिंह ने कहा कि आज भी सिखों के साथ भेदभाव किया जा रहा है. अधिवक्ता के अनुसार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कैबिनेट मंत्री सरदार हरदीप सिंह पुरी, रेल राज्य मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष इकबाल सिंह लालपुरा, भाजपा राष्ट्रीय सचिव मनजिंदर सिंह सिरसा को चाहिए कि वह केंद्र सरकार पर दबाव डालकर सभी राज्यों और जिलों, सरकारी संस्थाओं को एडवाइजरी भिजवाएं. जिससे किसी को परीक्षा केंद्र, रेल हवाई अड्डा अथवा सरकारी कार्यालय न्यायालय में पहचान के नाम पर सिख को परेशानी नहीं उठानी पड़े. दोषी व्यक्ति के लिए कठोर सजा का प्रावधान भी किया जाना चाहिए.
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