Jamshedpur : बर्मामाइंस जेम्को रॉयल इंटरनेशनल स्कूल में संस्कृति फाउंडेशन द्वारा बुधवार को स्तन कैंसर जागरूकता कार्यक्रम सत्र का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम में 50 महिलाओं ने हिस्सा लिया. जागरूकता कार्यक्रम में एमजीएम अस्पताल की डॉ. बनिता सहाय ने महिलाओं को स्तन कैंसर के लक्षणों, स्व-स्तन परीक्षण और बीमारी का जल्द पता लगाने के साथ ही इलाज के लिये स्क्रीनिंग के महत्व बताया.
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प्राथमिक लक्षणों को समझना जरूरी: डॉ. बनिता सहाय

उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में स्तन कैंसर के केस बढ़ रहे हैं. देर से पता चलने से इलाज करना मुश्किल हो जाता है. प्राथमिक लक्षणों को समझना, रोकथाम की दिशा में एहतियाती कदम उठाना बहुत जरूरी है. समय-समय पर जांच कराकर रोग और शिथिलता के शुरुआती लक्षणों का पता लगाया जा सकता है. प्रत्येक महिला को एक स्व-परीक्षण करनी चाहिए, और यदि उन्हें गांठ या कोई असामान्य गांठ मिलती है, तो उन्हें किसी विशेषज्ञ के पास जाने में देरी नहीं करनी चाहिए.
कैंसर का देर से पता लगना सबसे बड़ी समस्या: डॉ. आशा गुप्ता
टीएमएच अस्पताल की पूर्व सम्बद्ध डॉ. आशा गुप्ता ने कहा कि भारत में कैंसर का देर से पता लगना सबसे बड़ी समस्या है और कैंसर नियंत्रण की कुंजी सही समय पर सटीक उपचार देना है. हम इस मिशन के लिये समर्पित हैं और हम मानते हैं कि बीमारी का जल्द पता लगाने से ही आधी लड़ाई जीती जा सकती है. उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास महिलाओं को स्तन कैंसर के प्रति शिक्षित करने और इससे जुड़े मिथकों को तोड़ने के लिये जागरूकता अभियान चलाना है.
पौधा देकर स्वागत
सर्वप्रथम रॉयल इंटरनेशनल स्कूल प्रिंसिपल शालिनी सिन्हा ने डॉ. बनिता सहाय एवं डॉ आशा गुप्ता को पौधा देकर स्वागत किया. इस कार्यक्रम के सफल आयोजन में संस्कृति फाउंडेशन की अध्यक्ष मुनमुन चक्रवर्ती, रॉयल इंटरनेशनल स्कूल प्रिंसिपल शालिनी सिन्हा, सोमा चटर्जी ने सहयोग किया.
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