Jamshedpur (Sunil Pandey) : दलमा बुरू सेंदरा समिति की बैठक सोमवार को दलमा राजा राकेश हेंब्रम के गदड़ा स्थित आवास पर हुई. बैठक में इस वर्ष सेंदरा पर्व मनाने को लेकर विचार विमर्श किया गया. साथ ही सभी सेंदरा वीरों से इसकी तैयारियां शुरू करने के लिए कहा गया. समिति के सक्रीय सदस्य धानो मार्डी ने बताया कि सेंदरा अर्थ खोज करना होता है. लेकिन इसे गलत प्रचारित किया जाता है. उन्होंने कहा कि पर्व के दिन समाज के बुजूर्ग एवं अनुभवी नए लड़कों अथवा अपने चेले को प्राकृतिक जड़ी बुटियों की खोज कैसे की जाती है बताते हैं. यह परंपरा सदियों से चली आ रही है. उन्होंने कहा कि सेंदरा के दौरान वैसे जानवरों का शिकार किया जाता है जो समाज के विरूद्ध जाते हैं.
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कई राज्यों के सेंदरा वीर होते हैं शामिल
सेंदरा पर्व में झारखंड के अलावे असम, पश्चिम बंगाल, ओडिशा समेत अन्य राज्यों के सेंदरा वीर शामिल होते हैं. सोमवार की बैठक में दूसरे राज्यों के सेंदरा वीरों को आमंत्रित करने के लिए “गीरा” पहुंचाने का जिम्मा दिया गया. उन्होंने कहा कि पर्व के दौरान वन्य विभाग की ओर से बनाए जाने वाले चेकनाका पर नजर रखने की जिम्मेवारी ग्राम प्रधान, मांझी बाबा, मानकी मुंडा को सौंपा गया. साथ ही सेंदरा वीरों को दलमा नहीं आने देने के संबंध में रणनीति तैयार की गई. उन्होंने कहा कि समिति की अगली बैठक 9 अप्रैल को होगी. जिसमें बिसू सेंदरा की तिथि की घोषणा की जाएगी. बैठक में लाल मोहन गगराई, बेडे बरजो, लिटा बान सिंह, अशोक तांती, सूरज सामड़, बाल्ही मार्डी, बुढ़ई मुर्मू, सरिता बारदा, जीरा पूर्ति, सुरमी पुर्ति, भुगलू मुर्मू, साहेब हेंब्रम, सुखलाल सामद, हुडिंग सुंडी, अमित हेंब्रम समेत काफी संख्या में लोग मौजूद थे.
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