Jamshedpur : निम्नवर्गीय लिपिक एवं पंचायत सचिव के 3088 रिक्तियों के लिए 2017 में निकले विज्ञापन को जेएसएससी के द्वारा रद किए जाने की छात्र आजसू ने कड़ी निंदा की. इस संबंध में एक ज्ञापन उपायुक्त के माध्यम से झारखंड के राज्यपाल को भेजा. आजसू छात्र संघ के कोल्हान अध्यक्ष हेमंत पाठक ने बताया कि जेएसएसी ने मई 2017 में निम्नवर्गीय लिपिक एवं पंचायत सचिव के 3088 पदों के लिए विज्ञापन निकाला था. जिसके बाद हजारों अभ्यर्थियों ने आवेदन किया. इस दौरान 4948 अभ्यर्थियों के प्रमाण पत्र का सत्यापन किया जा चुका है. लेकिन नियुक्ति प्रक्रिया लटकी रही.
इतने दिनों बाद बीते 21 जनवरी 2022 को झारखंड सरकार ने उक्त विज्ञापन को रद करने का आदेश दिया. हेमंत पाठक ने बताया कि झारखंड सरकार एवं जेएसएससी का यह आदेश हजारों अभ्यर्थियों के साथ धोखा है. झारखंड सरकार के आदेश से हजारों छात्रों के सपने और भविष्य बर्बाद हो जाएंगे. उन्होंने राज्यपाल से इस मामले में संज्ञान लेकर आवश्यक आदेश देने का आग्रह किया.
न्याय नहीं मिला तो सड़कों पर उतर आंदोलन करेगा छात्र आजसू
हेमंत पाठक ने बताया कि आजसू का उद्देश्य पंचायत सचिव के अभ्यर्थियों को न्याय दिलाना ही नहीं है. अपितु यह सुनिश्चित करवाना है कि भविष्य में झारखंड सरकार की तानाशाही पर रोक लगे सके. क्योकि झारखंड सरकार के तानाशाही रवैये से अभ्यर्थियों पर आर्थिक एवं मानसिक असर पड़ रहा है. साथ ही साथ राज्य के हजारों युवाओं को सरकारी शासन में भागीदार बनने से भी वंचित किया जा रहा है. सरकार का यह निर्णय राज्य के युवाओं के साथ खिलवाड़ है. इस मामले को लेकर आजसू छात्र संघ हर स्तर पर आंदोलन करने के लिए तैयार है. प्रतिनिधिमंडल में राजेश महतो, कुंदन यादव, जगदीप सिंह एवं रंजन प्रामाणि, अभिमन्यु सिंह, कुणाल तिवारी, मानु सनातन, अमित दास आदि शामिल थे.
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