Jamshedpur : तंजीम अहले सुन्नत नामक संस्था ने धतकीडीह स्थित मदरसा फैजुल उलूम में बैठक कर निर्णय किया कि रांची की घटना पर तंजीम का एक प्रतिनिधिमंडल जल्द ही मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मुलाकात करेगा. मुख्यमंत्री से मुलाकात कर रांची में हुई घटना में मारे जाने वाले लोगों के परिजनों को 50- 50 लाख रुपये का मुआवजा देने की मांग की जाएगी. साथ ही इन पर गोली चलाने वाले पुलिस अधिकारियों पर भी कार्रवाई की मांग की जाएगी. तंजीम-अहल-ए-सुन्नत के अध्यक्ष मौलाना मुफ्ती जियाउल मुस्तफा ने कहा कि सरकार ने अधिकारियों की जो जांच कमेटी बनाई है. उस पर उन्हें भरोसा नहीं है. सरकार इसकी न्यायिक जांच कराए.
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पुलिस पर लगाया मानवाधिकार कानून के उल्लंघन का आरोप
तंजीम अहले सुन्नत के प्रवक्ता मौलाना मोहम्मद शमशाद-उल-कादरी ने कहा कि रांची में पुलिस ने मानवाधिकार के कानून का उल्लंघन किया है. उसने प्रदर्शन कर रहे लोगों पर सीधे गोली चलाई है. उन्होंने कहा कि प्रदर्शन करने वाले लोगों पर लाठीचार्ज किया गया और उन पर पथराव भी हुआ. इसी के बाद माहौल बिगड़ा. उन्होंने कहा कि सरकार का एक भी नुमाइंदा या मंत्री घटना में मारे जाने वाले लोगों के परिवार तक नहीं पहुंचा है. इससे मुसलमानों को तकलीफ है. उन्होंने कहा कि जहां भाजपा सरकार है. वहां प्रदर्शन करने वालों पर गोली नहीं चली. लेकिन झारखंड में प्रदर्शनकारियों पर अधिक सख्ती से निपटा गया.
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शुक्रवार को शांति की अपील
तंजीम अहले सुन्नत के अध्यक्ष मुफ्ती जियाउल मुस्तफा ने मुसलमानों से अपील की कि वह शांति बनाए रखें. धैर्य रखें. शहर का माहौल अच्छा बनाए रखना सब की जिम्मेदारी है.
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