Vineet Upadhyay
Ranchi: एक साल में 365 दिन होते हैं. इसकी जानकारी तो सभी को होती है. लेकिन जमशेदपुर की एक आउटसोर्सिंग कंपनी को ये नहीं पता है. क्योंकि कंपनी के मुताबिक, एक साल में 372 दिन होते हैं. ऐसा कंपनी के दस्तावेज कह रहे हैं. आश्चर्य की बात तो ये है कि ऐसी बात दो आउटसोर्सिंग कंपनियां कह रही हैं.
दरअसल साल 2018 में एमजीएम अस्पताल में आउटसोर्सिंग का काम कर रही दो कंपनियां एडवांस बिजनेस कॉर्पोरेट और श्री राम इंटरप्राइजेज ने सरकार से अपने कर्मचारियों के मेहनताने के रूप में 372 दिनों का मेहनताना लिया है. और इस घोटाले की पुष्टि एजी ऑफिस की ऑडिट रिपोर्ट में की गयी है.
2014 में हुआ था टेंडर
जमशेदपुर में स्थित एमजीएम अस्पताल में साल 2014 में हुए आउटसोर्सिंग के टेंडर में बड़ी अनियमितता और करोड़ों रूपये की सरकारी राशि की बंदरबांट का मामला सामने आया है. आपको यह जानकर काफी हैरानी होगी की जिस कंपनी को एमजीएम अस्पताल में आउटसोर्सिंग पर लगभग 700 से ज्यादा कर्मचारियों की नियुक्ति करनी थी. उसने लगभग 300 कर्मचारियों की ही नियुक्ति करके सरकार को करोड़ों का चूना लगाया है. इतना ही नहीं जिन कर्मचारियों की नियुक्ति की गयी, उनके वेतन के भुगतान में भी भारी अनियमितता बरते जाने से संबंधित दस्तावेज भी हमारे पास मौजूद हैं.
दरसल साल 2014-15 में एमजीएम में आउटसोर्सिंग के लिए टेंडर निकाली गयी थी. टेंडर ठेकेदार राजीव रंजन सिंह को मिला था. राजीव रंजन सिंह की कंपनी एडवांस बिजनेस कॉरपोरेट और उनकी पत्नी की कंपनी श्री राम इंटरप्राइजेज ने एमजीएम में आउटसोर्सिंग का कार्य शुरू किया. साल 2018 तक इसी कंपनी को लगातार आउटसोर्सिंग का काम मिलता भी रहा. जिसके बाद दिसंबर 2019 में महालेखाकार को इस संबंध में शिकायत की गयी.
एजी की ऑडिट रिपोर्ट से हुआ खुलासा
दूसरी ओर एजी ऑफिस ने अपने ऑडिट में कई अनियमिततायें पकड़ीं. ऑडिट रिपोर्ट में एजी ने कहा कि ठेका कंपनी को गलत तरीके से दिया गया है. वहीं साल 2018 में तत्कालीन स्वास्थ्य सचिव ने कंपनी एडवांस बिजनेस कॉरपोरेट को ब्लैकलिस्टेड करते हुए क़ानूनी कार्रवाई करने का आदेश भी दिया था. लेकिन उनके इस आदेश पर कोई कार्रवाई करने की जहमत किसी ने नहीं उठायी.
डीसी ने दिया था कार्रवाई का आदेश
साल 2018 में ही जमशेदपुर डीसी के द्वारा आउटसोर्सिंग कर्मचारियों के फिजिकल वेरीफिकेशन में भी अनियमितता की पुष्टि हुई थी. फिजिकल वेरीफिकेशन के बाद तत्कालीन स्वास्थ्य सचिव ने कंपनी की कार्यशैली पर भी गंभीर सवाल खड़े करते हुए एडवांस बिजनेस कॉरपोरेट और श्री राम इंटरप्राइजेज के खिलाफ कार्रर्वाई का भी आदेश दिया था.
वहीं इस मामले में आरटीआइ एक्टिविस्ट और जनसभा के महासचिव पंकज यादव ने जल्दी ही एसीबी में शिकायत दर्ज करने की बात कही है.