Jamtara : मिहिजाम थाना क्षेत्र के हांसीपहाड़ी में अवैध कोयला डिपो का संचालन हो रहा है. जहां रात के अंधेरे में मोटरसाइकिल और साइकिल के माध्यम से बंगाल से अवैध कोयला को मिहिजाम की सीमा में प्रवेश करवाया जाता है.
इसे भी पढ़ें –गिरिडीह : ट्रैक्टर की चपेट में आयी 6 वर्षीय बच्ची, मौके पर मौत
कोयला माफिया करते है अवैध उत्खनन
वहीं पश्चिम बंगाल के वर्द्धमान जिले के सालानपुर अन्तर्गत बंजेमारी कोलियरी, जो ईसीएल की बंद कोलियरी है. कोयला माफियाओं द्वारा इसीएल की बंद कोयला खदानों से अवैध कोयला का उत्खनन करवाया जाता है. इसके बाद मिहिजाम के हांसीपहाड़ी स्थित सॉफ्ट कोक फैक्ट्री में खपाया जाता है. कोयला के अवैध कारोबार में पुलिस की मिलीभगत से इंकार नहीं किया जा सकता है.
कोयला की सुलगती आग और फैली धुंआ से अनजान है पुलिस
मिहिजाम के हांसीपहाड़ी में एक साफ्ट कोक फैक्ट्री के अंदर कोयला का अवैध डीपो संचालित है. जहां रात के अंधेरे में अवैध कोयला को जमा किया जाता है. उसके बाद दिन के उजाले में फैक्ट्री के अंदर ही खुले आसमान के नीचे कोयला को जलाकर पोड़ा बनाया जाता है.
इसे भी पढ़ें –रिवर व्यू प्रोजेक्टः तीन अनुशंसाओं के बाद भी अभी तक नहीं हुई कांके CO पर कार्रवाई
फैक्ट्री में चिमनी भी लगी है
हालांकि उक्त फैक्ट्री में दिखावे के लिए एक चिमनी भी बनी है. लेकिन यह चिमनी कभी धुंआ नहीं उगलती है. बल्कि खुले आसमान के नीचे ही कोयला को जलाया जाता है. फिर उसे शाम होने तक कोयला पोड़ा बन जाता है. पोड़ा बनने के बाद ट्रक में लोड कर बिहार के लिए रवाना कर दिया जाता है. ऐसा लगता है कि इस कोयला के काले कारोबार की जानकारी न मिहिजाम थाना प्रभारी को है और न ही मुख्यालय डीएसपी को है.
क्या कहते है मुख्यालय डीएसपी
संजय कुमार सिंह ने मिहिजाम थाना क्षेत्र के हांसीपहाड़ी में संचालित अवैध कोयला डीपो की जानकारी से अनभिज्ञता जाहिर किया. कहा कि अवैध कोयला कारोबार की जानकारी उन्हें नहीं है.
इसे भी पढ़ें –बोकारो : नाबालिग से शारीरिक शोषण मामले में भाई समेत 1 गिरफ्तार
क्या कहते है थाना प्रभारी
रौशन कुमार ने कहा कि अवैध कोयला कारोबार की जानकारी उन्हे नहीं है. अब तक किसी ने अवैध कोयला कारोबार के संचालन को लेकर कोई शिकायत दर्ज नहीं की है.
बेलडंगाल में संचालित अवैध कोयला डीपो
नाला थाना क्षेत्र के बेलडंगाल में अवैध कोयला डीपो का संचालन हो रहा है. जहां कोयला का अवैध उत्खनन के लिए 36 से अधिक मजदूर लगाये जाते है. वहीं कुंआनुमा बने कोलियरी के अंदर मजदूर से उत्खनन करवाया जाता है. इसके बाद रस्सी की सहारे झोड़ा(बांस से निर्मित) से कोयला को बाहर निकाला जाता है.
इसे भी पढ़ें –BiggBoss: विनर के अलावा इन कंटेस्टेंट्स को मिली सफलता
कोयला कारोबार पश्चिम बंगाल व झारखंड की सीमा पर होता है
यह अवैध कोयला कारोबार पश्चिम बंगाल व झारखंड की सीमा पर हो रही है. वहीं कोयला माफिया द्वारा ट्रैक्टर के इंजन से भी कुंआनुमा बंद खदान से कोयला को खिंचवाकर निकाला जाता है. इस संबंध में नाला थाना प्रभारी अजीत कुमार से पूछे जाने पर उन्होने अवैध कोयला कारोबार की जानकारी होने से इंकार किया.
अधिकांश मामले में अज्ञात के विरूद्ध होती प्राथमिकी दर्ज
जब भी कभी कोई पत्रकार अवैध कोयला कारोबार की समाचार बनाते है. तब जाकर पुलिस की नींद खुलती है और पुलिस अवैध कोयला कारोबार के खिलाफ छापेमारी करती है. लेकिन न तो अवैध कोयला कारोबार में संलिप्त ट्रक पुलिस के पकड़ में आता है और न ही कोयला माफिया को चिन्हित कर पाती है.
इसे भी पढ़ें –प्रमुख 12 बंदरगाहों के माल यातायात में लगातार 9वें महीने गिरावट
पुलिस के हाथ कभी कुछ नहीं लगता
लिहाजा अज्ञात के विरूद्ध प्राथमिकी दर्ज कर पुलिस अपनी जवाबदेही से मुक्त हो जाती है. कई बार तो कार्रवाई से पूर्व अवैध कोयला डीपो को साफ-सुथरा कर दिया जाता है. इसके बाद पुलिस कार्रवाई करने पहुंचती है और पुलिस के हाथ कुछ भी नहीं लगता. जिसके बाद अवैध कोयला कारोबार की जांच पुरी हो जाती है.
इसे भी पढ़ें –गुमला : पेड़ पर लटका मिला कंकाल, दो महीने पहले अपहरण हुए युवक के रूप में हुई पहचान