Ranchi : राज्य के अधिक से अधिक किसानों को सोलर पंप सेट दिया जाना है. पीएम कुसुम योजना के तहत किसानों को इसका लाभ दिया जाना है. साथ ही किसानों के बीच इसका प्रसाद भी बढ़ाया जा रहा है. योजना सुदूरवर्ती किसानों के लिए उपयुक्त है, जहां ग्रिड से बिजली नहीं पहुंच पायी है. ये बातें झारखंड रिन्यूएबल एनर्जी डेवलपमेंट एजेंसी जरेडा के डायरेक्टर केके वर्मा ने कहीं. गुरुवार को जरेडा की ओर से खूंटी में संवाद का आयोजन किया गया, जिसमें किसान शामिल हुए. इस संवाद कार्यक्रम में केंद्रीय नवीन ऊर्जा मंत्रालय का भी सहयोग रहा.
इस दौरान केके वर्मा ने कहा कि डीजल आधारित पंप से बेहतर है सौर ऊर्जा से चलने वाला पंप सेट. इससे किसानों को सिंचाई सुविधा निर्बाध मिलेगी. स्टेट नोडल एजेंसी होने के कारण कृषि समेत महत्वपूर्ण आर्थिक गतिविधियों में अक्षय ऊर्जा को बढ़ावा दिया जा रहा है.
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तीन प्रतिशत योगदान देना है
वर्मा ने किसानों को पीएम कुसुम योजना की जानकारी दी. साथ ही कहा कि इस योजना के तहत स्वच्छ ऊर्जा को प्रोत्साहित किया जायेगा. लाभुक किसानों को इसके लिये तीन प्रतिशत योगदान देना होता है, जबकि 67 प्रतिशत राज्य और तीन प्रतिशत केंद्र सरकार देती है. किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए योजना लाभकारी है. किसानों को चाहिए कि अधिक से अधिक इसका लाभ लें.
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किसानों ने बताये अनुभव
संवाद का आयोजन किसानों को कुसुम योजना की जानकारी देना रहा. वहीं, सोलर पंप उपयोग करने से हो रहे अनुभवों की जानकारी लेना रहा. किसानों ने बताया कि सौर ऊर्जा संचालित पंप के इस्तेमाल से उनकी फसल की लागत घट गयी है. सिंचाई में उनकी लागत कम हुई है. साथ ही ऐसे पंप की उपयोगिता काफी सरल है. साथ ही पारंपरिक डीजल और पेट्रोल के पंपों पर निर्भरता कम हुई है.
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