Ranchi: छत्तीसगढ़ में होने वाले विधानसभा चुनाव में झारखंड के भाजपा नेताओं की भी ड्यूटी लगाई गई है. झारखंड के नेताओं को मुख्य रूप से छत्तीसगढ़ के दो संभाग की जिम्मेदारी मिली है. पड़ोसी राज्य होने के कारण और इन दोनों संभागों के जिले झारखंड से सटे होने के कारण यहां झारखंड भाजपा के नेताओं को लगाया गया है. भाजपा के प्रदेश संगठन महामंत्री कर्मवीर सिंह बस्तर संभाग की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं. वहीं राजमहल के विधायक अनंत ओझा सरगुजा संभाग के जिलों में सांगठनिक बैठकें कर रहे हैं. इससे पहले झारखंड के 15 भाजपा विधायकों ने भी 8 दिन तक इन दोनों संभागों में डेरा जमाया था. संगठन को मजबूत करने के लिए बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं के साथ बैठक की. फिर से भाजपा के सभी विधायकों को चुनाव कार्य को लेकर पूरी जिम्मेदारी देकर भेजा जाएगा. हर विधायक एक विधानसभा क्षेत्र में कैंप कर सांगठनिक बैठकों, जनसंपर्क, सभाओं में हिस्सा लेंगे.
इसे भी पढ़ें – विजय हांसदा ने कोर्ट में कहा – मुंगेरी यादव और अशोक ने धमकी दी, तब दबाव में दे दिया ईडी को बयान
अर्जुन मुंडा समेत प्रदेश भाजपा के सभी बड़े आदिवासी नेता करेंगे प्रचार
झारखंड भाजपा के स्टार प्रचारक भी छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में पसीना बहाने जाएंगे. प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी 13 सितंबर को छत्तीसगढ़ में दो सभा और एक रोड शो करने गये थे. लेकिन मौसम खराब होने की वजह से उनका चार्टर्ड प्लेन वहां लैंड नहीं कर पाया था. जल्द ही प्रदेश भाजपा की ओर से बाबूलाल मरांडी, केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा, पूर्व सीएम रघुवर दास, केंद्रीय मंत्री अन्नपूर्णा देवी, समीर उरांव, आशा लकड़ा समेत कई सांसद और प्रदेश पदाधिकारी भी वहां मोर्चा संभाल लेंगे.
बस्तर, सरगुजा संभाग की 26 विस सीटों में कांग्रेस का है कब्जा
झारखंड भाजपा को छत्तीसगढ़ चुनाव में काफी बड़ी जिम्मेदारी मिली है. दोनों संभाग (बस्तर और सरगुजा) में कुल 26 विधानसभा सीटें हैं. 2018 के विधानसभा चुनाव में भाजपा यहां से सिर्फ एक सीट (दंतेवाड़ा) ही जीत पाई थी. भाजपा विधायक की नक्सली हमले में मौत के बाद हुए उपचुनाव में वह सीट भी कांग्रेस के कब्जे में चली गई है. यानी दोनों संभाग की सभी 26 सीटें कांग्रेस के कब्जे में है. ऐसे में केंद्रीय नेतृत्व ने झारखंड भाजपा के नेताओं को काफी उम्मीद के साथ यहां जिम्मेदारी दी है.
26 में से 20 सीटें हैं आदिवासियों के लिए सुरक्षित
दोनों संभाग की 26 सीटों में 20 सीटें जनजातियों के लिए आरक्षित हैं. गौरतलब है कि सरगुजा संभाग की 14 विधानसभा सीटों में से 9 सीट अनूसूचित जनजाति के लिए आरक्षित है. वहीं बस्तर संभाग की 12 विधानसभा सीटों में से 11 सीट एसटी सुरक्षित है. सिर्फ जगदलपुर विधानसभा क्षेत्र को छोड़कर बाकी सीटें एसटी रिजर्व है. यहां आदिवासी वोट बैंक पर कांग्रेस का कब्जा है. कांग्रेस के वोटबैंक को तोड़ने के लिए भाजपा यहां झारखंड के सभी बड़े आदिवासी नेताओं को पूरी ताकत के साथ उतारेगी.
इसे भी पढ़ें –झारखंड : कोरोना से मरने वालों के आश्रितों को मिलेगा मुआवजा, 65 लाख, 50 हजार की स्वीकृति
Leave a Reply