Dhanbad : कोरोना के मामला कम होते ही वायरल फीवर तेजी से फाल रहा है. बिहार और उत्तर प्रदेश में कई बच्चों की मौत भी हुई है. पड़ोसी राज्य बिहार में तो आलम ये है कि हॉस्पिटल्स छोटे बच्चों से फुल हैं. वहीं बिहार में कई नवजात भी दम तोड़ चुके हैं. यूपी में भी अमूमन हाल ऐसा ही है. इसके मद्देनजर झारखंड स्वास्थ्य विभाग ने सोमवार को निर्देश जारी किया है. विभाग की ओर से राज्य में 15 सितंबर से 29 सितंबर बुखार के मामलों का विशेष सर्वेक्षण का निर्देश दिया गया है.
अतिरिक्त मुख्य सचिव (एसीएस) स्वास्थ्य, अरुण कुमार सिंह ने इस संबंध में राज्य के सभी 24 जिलों के सिविल सर्जनों को निर्दश जारी किया है. साथ ही सहिया, बहुउद्देश्यीय कार्यकर्ता (एमपीडब्ल्यू) और सहायक नर्स मिडवाइव (एएनएम) के माध्यम से बुखार सर्वेक्षण करने के अलावा उचित उपचार सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है. डेंगू, चिकनगुनिया, इंसेफेलाइटिस के बढ़ते मामलों को देखते हुए सर्वे का निर्देश दिया गया है.
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बुखार सर्वेक्षण से इलाज में मदद मिलेगी – एसीएस
एसीएस स्वास्थ्य ने निर्देश में कहा है कि चूंकि बिहार और उत्तर प्रदेश के पड़ोसी राज्यों में वायरल बुखार के केस बड़े पैमाने पर सामने आ रहे हैं. जो कोरोना महामारी के मद्देनजर चिंता का विषय है. इसलिए बुखार के सर्वेक्षण से हमें डेंगू, चिकनगुनिया, एन्सेफलाइटिस का पता लगाने और उनका उचित इलाज कराने में मदद मिलेगी.
बिहार के पटना और उत्तर प्रदेश के अलग-अलग जिलों में वायरल फीवर से बड़े पैमाने पर बच्चों की मौत की खबर है.
एसीएस के आदेश के बाद धनबाद के सिविल सर्जन डॉ श्याम किशोर कांत ने जिले के सभी रजिस्टर्ड लगभग 300 निजी नर्सिंग होम को निर्देश जारी किया है. कहा है कि सभी प्राइवेट हॉस्पिटल्स वायरल फीवर को देखते हुए बच्चों के लिए पांच बेड आरक्षित करें. साथ ही नर्सिंग स्टाफ को वेंटिलेटर,ऑक्सीजन सिलेंडर और रेडिएंट वार्मर संचालन की ट्रेनिंग देने का भी निर्देश दिया है.
बुखार के मामलों की जांच और उनके उपचार की योजना बनायी गयी
वहीं वायरल फीवर से नपटने के लिए सिविल सर्जन ने एनएमएमसीएच के बाल रोग विशेषज्ञ अविनाश कुमार, डॉ विकास राणा, नोडल अधिकारी सह जिला बाल प्रजनन स्वास्थ्य देखभाल (आरसीएच) अधिकारी और जिला सलाहकार के साथ बैठक की. साथ ही वेक्टर जनित रोग (वीबीडी) रमेश सिंह और बुखार के मामलों की जांच और उनके उपचार की योजना बनायी.
साथ ही सभी निजी नर्सिंग होम और क्लीनिकों को इंटीग्रेटेड डिसिजेस सर्विलान्स प्रोग्राम (आईडीएसपी) विभाग को सर्दी, खांसी, मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया के लक्षण वाले बच्चे और वयस्क रोगियों के बारे में तुरंत रिपोर्ट करने का निर्देश दिया है. सिविल सर्जन ने कहा है कि ऐसे मरीज जो स्क्रीनिंग और उपचार के लिए आते हैं उनकी जानकारी तुरंत दें. ताकि राज्य सरकार और केंद्र सरकार को सूचित किया जा सके. वीबीडी जिला सलाहकार रमेश सिंह ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग पहले ही एनएमएमसीएच में बुखार के रोगियों के एलिसा परीक्षण के लिए नि:शुल्क उपकरण ला चुका है.
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