Ranchi : झारखंड में मॉडल जेल मैनुअल सात साल में भी तैयार नहीं होने पर हाईकोर्ट ने नाराजगी जतायी है. झारखंड हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्रा और जस्टिस आनंद सेन की अदालत ने शुक्रवार को स्वत: संज्ञान लिए गए मामले की सुनवाई के दौरान राज्य के गृह सचिव को छह अप्रैल को अदालत में सशरीर हाजिर होने का निर्देश दिया है. गृह सचिव को यह बताने को कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के आलोक में अब तक राज्य में मॉडल जेल मैनुअल क्यों नहीं तैयार किया गया है.
जेल मैनुअल अब तक तैयार क्यों नहीं हो सका
शुक्रवार को सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से जवाब दाखिल करने के लिए समय देने का आग्रह किया गया. इस पर अदालत ने नाराजगी जतायी. अदालत ने कहा कि आखिर सरकार जेल मैनुअल बनाने में स्पष्ट जवाब क्यों नहीं दे रही है. सरकार को वर्ष 2016 से मॉडल जेल मैनुअल बनाने का निर्देश दिया गया है. सात साल बीत जाने के बाद भी कभी कहा जा रहा है कि ड्राफ्टिंग हो रही. कभी कैबिनेट में भेजे जाने की बात कही जा रही है. सिर्फ फाइल इधर से उधर हो रही है. लेकिन मैनुअल अब तक तैयार क्यों नहीं हो सका, इसकी सटीक जानकारी नहीं दी जा रही है. बता दें कि वर्ष 2013 में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सभी राज्यों को जेलों में सुधार का निर्देश दिया गया था. उसी आदेश के आलोक में झारखंड हाईकोर्ट मामले में स्वत संज्ञान लेते हुए उसे जनहित याचिका में बदलकर सुनवाई कर रहा है.
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