Ranchi : झारखण्ड हाइकोर्ट ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई हुई. सुनवाई करते हुए कोर्ट ने रिम्स में आउटसोर्सिंग पर हुई नियुक्तियों पर राज्य सरकार और रिम्स से ज़वाब मांगा है. झारखंड हाइकोर्ट ने पूछा है कि जब रिम्स के चतुर्थ वर्ग के कर्मचारियों के पद रिक्त हैं तो फिर उनकी नियमित नियुक्ति न कर आउटसोर्सिंग पर नियुक्ति क्यों कि गई. जिसपर रिम्स के द्वारा अदालत को बताया गया कि आउटसोर्सिंग पर नियुक्ति के संबंध मे रिम्स को राज्य सरकार से एक पत्र प्राप्त हुआ है. उसी पत्र के आधार पर कर्मचारियों की नियुक्ति आउटसोर्सिंग के जरिए की गई है.
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इस मामले की सुनवाई दो सप्ताह बाद होगी
इस मामले की सुनवाई झारखण्ड हाइकोर्ट के चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन एवं जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की डबल बेंच में हुई. राज्य सरकार की ओर से अधिवक्ता पीयूष चित्रेश ने अदालत में पक्ष रखा. वहीं रिम्स की ओर से अधिवक्ता आकाश दीप ने अदालत में पक्ष रखा, सुनवाई के दौरान अदालत ने रिम्स के निदेशक को भी वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से अदालत के समक्ष उपस्थित होकर कुछ बिन्दुओं पर जानकारी देने का निर्देश दिया. जिसके बाद रिम्स निदेशक ने वीसी के माध्यम से अदालत के समक्ष उपस्थित होकर अदालत को जानकारी दी, अब इस मामले की सुनवाई दो सप्ताह बाद निर्धारित की गई है.
बता दें कि कोरोना काल मे रिम्स मे नियुक्तियों समेत अन्य कुव्यवस्था पर संज्ञान लेते हुए झारखण्ड हाइकोर्ट ने सुनवाई शुरू की है. जिसे अदालत ने जनहित याचिका मे तब्दील किया है.
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