Chhaya
Ranchi : युवा उद्यमियों को बढ़ावा देने के लिए स्टार्टअप योजना शुरू की गयी. लेकिन राज्य में इसकी गति काफी धीमी है. पिछले कुछ दिनों से राज्य में उद्यमियों का रजिस्ट्रेशन भी नहीं हो रहा. पड़ोसी राज्यों से तुलना करें, तो राज्य के आंकड़ें बताते हैं कि स्टार्टअप पाॅलिसी प्रभावित है. सिर्फ रजिस्टर्ड उद्यमियों के आंकड़ों की बात करें तो, झारखंड में 419 रजिस्टर्ड उद्यमी हैं. कुल आवेदन लगभग छह सौ हैं. जबकि योजना की शुरूआत 2017 से की गयी.
वहीं बिहार में कुल रजिस्टर्ड 1476 है. जबकि अब तक इस राज्य में 22, 153 आवेदन मिले हैं. ओडिशा की बात करें तो यहां 1065 उद्यमी रजिस्टर्ड है. इस साल के संसद सत्र के दौरान भी देशभर की स्टार्टअप की जानकारी उद्योग मंत्रालय से मांगी गयी थी. इन आंकड़ों से भी स्पष्ट है कि स्टार्टअप में राज्य से बेहतर छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल समेत अन्य राज्य हैं. जहां छत्तीसगढ़ में 528 और पश्चिम बंगाल में 1178 उद्यमी रजिस्टर्ड हैं.
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नहीं है मेंटाॅर
राज्य में स्टार्टअप की मेंटाॅर आइआइएम अहमदाबाद थी. साल 2017 में संस्थान को इसका काम दिया गया. वहीं साल 2019 में संस्थान का मेंटाॅरशिप एकरार खत्म हुआ. तब से राज्य में स्टार्टअप योजना पड़ी है. पिछले साल से राज्य सरकार इसके लिए संस्थानों से बात कर रही है. जिसमें फिर से, आइआइएम अहमाबाद को लाने की बात जारी है. पिछले दिनों आइआइएम अहमदाबाद के प्रतिनिधियों के साथ आइटी विभाग ने बैठक भी की थी. ऐसे में अब किसी संस्थान को मेंटाॅर बनाने के बाद ही राज्य में स्टार्ट अप को गति मिलेगी.
फंड दी गयी 2019 में
राज्य में पाॅलिसी के तहत 17 उद्यमियों को फंड दिया गया. इस फंड के तहत उद्यमियों को आइडिया इनोवेशन और उद्यम सेटअप के लिये राशि दी गयी. जो पांच से ग्यारह लाख तक रही. तत्कालीन सरकार की ओर से साल 2019 में हैकेथाॅन नाम का कार्यक्रम आयोजित किया गया. जिसमें ये फंड दी गयी. लेकिन इसके बाद योजना पड़ी है. जबकि ओड़िशा में 117 और बिहार में 76 उद्यमियों को फंड दी गयी है.
दक्षिणी राज्य अव्वल
स्टार्ट अप में दक्षिणी राज्यों का प्रदर्शन बेहतर है. इसमें महाराष्ट्र और कर्नाटक जैसे राज्यों का हमेशा से दबदबा रहा है. जहां महाराष्ट्र में 8333, कर्नाटक में 5979, दिल्ली में 5560, उत्तर प्रदेश में 3890 उद्यमी रजिस्टर्ड हुए.
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