Ranchi : किस अधिकारी के आदेश से बिना बैंक गारंटी के प्लेसमेंट एजेंसी राज्य में काम कर रही है. झारखंड शराब व्यापारी संघ ने शनिवार को प्रेस कांफ्रेंस करते हुए यह बात कही. कहा कि हम सरकार से पूछना चाहते हैं कि ऐसी कौन सी मजबूरी है जो बिना बैंक गारंटी के प्लेसमेंट एजेंसी काम कर रही है. आज साढ़े चार माह बीत चुके हैं. संघ ने आरोप लगाया कि इसीलिए राज्य में मनमाने ढंग से ओवरप्राइसिंग, पानी की मिलावट वाली दो नंबर की शराब मिल रही है. इसकी जवाबदेही किसकी है?
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आदेश देने वाले अधिकारी की जांच होनी चाहिए
झारखंड शराब व्यापारी संघ ने कहा है कि राज्य के मुख्यमंत्री और उत्पाद मंत्री से संघ मांग करता है कि आदेश देने वाले अधिकारी की जांच होनी चाहिए, नहीं तो संघ सीबीआई, इंटेलिजेंस ब्यूरो और विजिलेंस से जांच कराने की मांग करेगा. पूछा कि किस अधिकारी के आदेश से साढ़े चार महीने से बिना बैंक गारंटी के प्लेसमेंट एजेंसी राज्य में काम कर रही है. इस क्रम में कहा कि प्लेसमेंट एजेंसी की बैंक गारंटी 48 करोड़ जमा थी उसे उत्पाद विभाग द्वारा जब्त कर लिया गया है. सवाल उठाया कि 48 घंटे के अंदर ही टॉपऑप डालना रहता है, लेकिन आजतक बिना बैंक गारंटी के ही एजेंसी काम कर रही है यह क्या उचित है.
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एक साल में पांच बार बदले गये उत्पाद कमिश्नर
झारखंड शराब व्यापारी संघ ने यह भी कहा कि ऐसी कौन सी मजबूरी रही कि एक वर्ष के अंदर पांच बार उत्पाद कमिश्नर बदले गये. कहा कि एक उत्पाद कमिश्नर तो मात्र दो महीना ही रहे. संघ ने मुख्यमंत्री से मांग की कि उत्पाद सचिव से पूछा जाये कि शराब नीति(2022-23) कैसे असफल हुई. बिना बैंक गारंटी के कैसे प्लेसमेंट एजेंसी काम कर रही है. अभी तक उसने लक्ष्य पूरा भी नहीं किया है.
शराब दुकानों का संचालन का काम भी जेएसबीसीएल को दे देना चाहिए था
साथ ही कहा कि जिस तरह होलसेल संचालन का काम जेएसबीसीएल को बीच में ही दे दिया गया, उसी प्रकार शराब दुकानों का संचालन का काम भी जेएसबीसीएल को ही (एजेंसी की बैंक गारंटी खत्म होने के बाद) दे देना चाहिए था. कहा कि राजस्व की वसूली अभी 45 सौ करोड़ पीछे चल रही है. पूछा कि क्या इसकी भरपाई कंसलटेंसी (छत्तीसगढ़) करेगी या सचिव करेंगे.