Ranchi: झारखंड में राज्यसभा की दो में से एक सीट हासिल करने के लिए बीजेपी सारे समीकरणों को बारीकी से देख रही है. संभव है कि गठबंधन के प्रत्याशी के ऐलान के बाद ही बीजेपी अपने प्रत्याशी का ऐलान करेगी. बीजेपी के एक नेता का कहना है कि राज्यसभा चुनाव में कास्ट फैक्टर भी चल सकता है. पार्टी कुर्मी, वैश्य या अल्पसंख्यक प्रत्याशी को राज्यसभा भेज सकती है, लेकिन ऐसे प्रत्याशी को ही चुना जाएगा जिसे आजसू के दो विधायकों, निर्दलीय सरयू राय, अमित यादव और कमलेश सिंह का वोट मिल सके, क्योंकि इन 5 विधायकों के समर्थन के बिना बीजेपी चुनाव नहीं जीत सकती. वैसे तो बीजेपी में राज्यसभा के लिए कई नामों की चर्चा बहुत दिनों से चल रही है, लेकिन अभी दो और नाम हवा में तैर रहे हैं. हाल ही में बीजेपी में शामिल हुए कांग्रेस के एक बड़े नेता और बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा की राष्ट्रीय मंत्री मिस्फिका हसन शामिल हैं. रांची की लेटेस्ट खबरों के लिए यहां क्लिक करें…
रघुवर उम्मीदवार बने तो जीत के आंकड़े जुटाना होगा मुश्किल
बीजेपी के एक नेता ने कहा कि वैसे तो रघुवर दास राज्यसभा के लिए पार्टी की पहली पसंद हैं, लेकिन पार्टी उन्हें चाह कर भी झारखंड से राज्यसभा उम्मीदवार नहीं बना सकती. अगर उन्हें राज्यसभा भेजना ही होगा तो पार्टी किसी और प्रदेश से भेजेगी, क्योंकि अगर रघुवर दास झारखंड से राज्यसभा चुनाव लड़ते हैं तो उन्हें सुदेश महतो के नेतृत्व में बने थर्ड फ्रंड के पांचों विधायकों का वोट मिलना आसान नहीं होगा. सरयू राय तो किसी कीमत पर रघुवर को वोट नहीं देंगे. सुदेश महतो भी रघुवर से खफा हैं. वहीं अमित यादव का भी टिकट रघुवर ने काटा था इसलिए वे भी उनसे नाराज हैं. कमलेश सिंह भी रघुवर की वजह से बीजेपी में शामिल नहीं हो पाए थे. इस वजह से उन्हें भी रघुवर के पक्ष में वोट देने के लिए मनाना आसान नहीं होगा. ऐसे में बीजेपी वैश्य कोटे से प्रदेश महामंत्री आदित्य साहू को आगे कर सकती है, क्योंकि उनके नाम पर थर्ड फ्रंड के नेता समर्थन कर सकते हैं.
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सुदेश, सरयू वाले थर्ड फ्रंट पर टिकी बीजेपी और गठबंधन की नजरें
गौरतलब है कि बीजेपी को चुनाव में जीत के लिए कम से कम 28 वोट चाहिए, जबकि उसके पास बाबूलाल मरांडी को मिलाकर सिर्फ 26 विधायक होते हैं. उनमें से भी एक सिंदरी के विधायक इंद्रजीत महतो एक साल से गंभीर रूप से बीमार हैं. ऐसे में बीजेपी खेमे में 25 ही वोटर्स बच रहे हैं. ऐसी स्थिति में सुदेश महतो और सरयू राय समेत थर्ड फ्रंट के सभी पांचों विधायकों को बीजेपी को अपने पक्ष में करना होगा. कांग्रेस-जेएमएम का गठबंधन भी राज्यसभा की दोनों सीटों को अपने कब्जे में करने के लिए इन पांचों नेताओं को अपने पाले में करने के लिए हर हथकंडे अपनाएगी.
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