Vinit Upadhyay
Ranchi: खाता ना बही, रांची के डीसी साहेब जो चाहें वही सही. यह कहावत चार्जशीटेड IAS, रांची के डीसी छवि रंजन पर खूब फबती है. डीसी के इस रवैये के कारण प्रभात शर्मा करीब साल भर से परेशान हैं. प्रभात शर्मा के मामले में सुप्रीम कोर्ट व हाईकोर्ट ने उनके पक्ष में फैसला दिया. कोर्ट के फैसले के बाद भू एवं राजस्व विभाग से सचिव और संयुक्त सचिव ने 3 सितंबर 2021 को रांची डीसी को जरुरी कार्रवाई करने का आदेश दिया. इसके छह माह बीत गये, लेकिन अभी तक प्रभात शर्मा के पक्ष में काम नहीं हुआ.
… तो कर क्या रहे हैं डीसी साहेब
अब सवाल यह उठता है कि अदालतों के फैसले और विभाग के आदेश के बाद डीसी छवि रंजन इस मामले में कर क्या रहे हैं. डीसी ने अपर समाहर्ता से रिपोर्ट मांगी. अपर समाहर्ता ने नगड़ी के सीओ से रिपोर्ट मांगी. नगड़ी सीओ ने 4 जनवरी 2022 को अपनी रिपोर्ट अपर समाहर्ता को भेज दी. प्रभात शर्मा के मुताबिक, सीओ की रिपोर्ट के बाद दो बार डीसी ने अलग-अलग बिंदुओं पर जांच का निर्देश दिया है. और उनका मामला अब भी लटका हुआ है.
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क्या है मामला
प्रभात शर्मा के मुताबिक, जिस भूमि को प्रतिबंधित सूची से बाहर करने और उसका लगान रसीद जारी करने का आदेश दिया गया है, उस भूमि को लेकर उन्होंने वर्ष 2006 से कानूनी लड़ाई लड़ी. वर्ष 2006 में रिट संख्या 1119/2008 में हाईकोर्ट ने यह आदेश दिया कि उनकी भूमि का रसीद जारी किया जाये. जिसके बाद राज्य सरकार ने एकल पीठ के आदेश को LPA 474/ 2008 के माध्यम से डबल बेंच में चुनौती दी. डबल बेंच ने भी एकल पीठ के आदेश को बरकरार रखा. जिसके बाद राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाते हुए SLP दायर की. SLP की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के आदेशों को बरकरार रखा. जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट के आदेश को लागू करवाने के लिए उन्होंने हाईकोर्ट में कंटेम्प्ट पिटीशन दायर किया. जिसपर सुनवाई के दौरान तत्कालीन उपायुक्त केके सोन ने अदालत को एफिडेविट के माध्यम से बताया कि आदेश का अनुपालन किया जा रहा है और वर्ष 2009-10 और 2011 तक रसीद कटी. लेकिन एक बार फिर उक्त भूमि पर 4 H की कार्रवाई शुरू कर दी गई.
4 H की कार्रवाई शुरू होने के बाद प्रभात शर्मा एक बार फिर हाईकोर्ट की शरण में गए. जिसपर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने 19 मार्च 2021 को सुप्रीम कोर्ट के आदेश का अनुपालन दो सप्ताह में करने का निर्देश दिया. जिसके बाद विभागीय सचिव और संयुक्त सचिव ने रांची डीसी को पत्राचार भी किया. लेकिन अब तक उनकी भूमि का रसीद निर्गत नहीं हुआ. न्यायालय में लड़ाई जीतने के बाद अब प्रभात शर्मा खुद को पीड़ित महसूस कर रहे हैं. क्योंकि अब तक उनकी भूमि का रसीद जारी नहीं हो रहा है.
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इस पूरे मामले पर रांची डीसी छवि रंजन का पक्ष लेने के लिए हमने उनके सरकारी नंबर पर दो बार कॉल किया, लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो सका. उनका पक्ष मिलने पर हम खबर को अपडेट करेंगे.