Ranchi: बीजेपी विधायक दल के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी सोशल मीडिया पर खूब एक्टिव रहते हैं. हर दिन किसी न किसी मामले पर वे ट्विट जरूर करते हैं. उनके कई ट्विट तथ्यों के आधार पर लिखे होते हैं, लेकिन कई ट्विट वे सिर्फ चर्चाओं के आधार पर करके सियासी गलियारे में सनसनी फैला देते हैं. सोशल मीडिया पर उनकी दी गई कई सूचनाओं पर आपत्ति जताते हुए उन्हें गलत भी बताया गया है. रांची की लेटेस्ट खबरों के लिए यहां क्लिक करें…
हाल ही में रामगढ़ के एसडीपीओ किशोर कुमार रजक ने बाबूलाल मरांडी की समझ को निम्न कोटि का बताया था और बाबूलाल को नसीहत दी थी. उसके बाद एक बार फिर उन्होंने डीजीपी के वेतन भुगतान के संबंध में ट्विट किया. इसपर भी सूचना और जनसंपर्क विभाग ने ट्विट कर बाबूलाल की सूचना को गलत साबित कर दिया. बाबूलाल मरांडी मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री रह चुके हैं. झारखंड के बड़े नेताओं में उनकी गिनती है, लेकिन आधी- अधूरी जानकारी और गलत सूचनाओं को प्रसारित करने की वजह से धीरे-धीरे लोगों ने अब उनकी बातों को गंभीरता से लेना कम दिया है.
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SDPO ने बाबूलाल को कहा था आपकी निम्न कोटि के व्यवहार से हैरान हूं
जनवरी महीने में रामगढ़ एसडीपीओ किशोर कुमार रजक की पत्नी वर्षा श्रीवास्तव ने उनके खिलाफ घरेलू हिंसा और दहेज उत्पीड़न का केस दर्ज कराया था. मामला सामने आने के बाद बाबूलाल मरांडी ने 15 जनवरी को ट्विट किया कि जब रक्षक ही भक्षक बन जाए तो राज्य में आम आदमी कितना सुरक्षित महसूस करेगा. रामगढ़ एसडीपीओ की पत्नी को अपने पति से ही जान का खतरा है. उन्होंने सीएम और डीजीपी से किशोर रजक को निलंबित कर गिरफ्तार करने की मांग की थी.
इसके बाद सोशल मीडिया पर ही एसडीपीओ ने बाबूलाल को जवाब दिया कि वे उनके ज्ञान, समझ और निम्न कोटि के व्यवहार के आश्चर्यचकित हैं. उन्होंने बाबूलाल को बताया कि अगर आपके खिलाफ कोई एफआईआर कर दे, तो आपकी गिरफ्तारी से पहले जिस तरह विधानसभा अध्यक्ष-नोटिस जैसी प्रक्रिया का पालन करना होता है. उसी तरह मेरे खिलाफ भी कोई केस करे तो नोटिस और विभागीय आदेश के बाद ही गिरफ्तारी होनी चाहिए, क्योंकि मेरा पद भी संवैधानिक है.
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बाबूलाल ने कहा- बिना वेतन काम कर रहे डीजीपी, IPRD ने दे दिया जवाब
इसी तरह 30 अप्रैल को बाबूलाल मरांडी ने ट्विट कर कहा कि सुना है कि राज्य पुलिस के मुखिया यानी डीजीपी बिना वेतन के काम कर रहे हैं. महालेखाकार ने उन्हें 31 जनवरी यानी उनकी वास्तविक सेवा निवृत्ति के बाद वेतन पर्ची निर्गत ही नहीं की है. जिस राज्य का डीजीपी बिना वेतन के काम करेगा वहां कोयला, बालू, पत्थर, जमीन की चोरी नहीं तो और क्या होगी. उसी दिन सरकार की ओर से बाबूलाल को सोशल मीडिया पर ही जवाब दे दिया गया. सूचना एवं जनसंपर्क विभाग ने बाबूलाल को रिप्लाई करते हुए कहा कि हाईकोर्ट के प्रकाश सिंह जजमेंट के मुताबिक, नीरज सिन्हा को डीजीपी के पद पर दो वर्षो का निर्धारित कार्यकाल दिया गया है, जो 11.02.2023 तक प्रभावी है. इस प्रकार उनके सेवानिवृत्ति की तिथि 11.02.2023 है. ऐसी ही व्यवस्था बिहार समेत कई अन्य राज्यों में लागू है. आईपीआरडी ने बाबूलाल को बताया कि डीजीपी का अप्रैल 2022 तक का वेतन भुगतान हो चुका है.