Ranchi: झारखंड में भाकपा माओवादी के अलावा कई छोटे-बड़े उग्रवादी संगठन सक्रिय हैं. इन उग्रवादी संगठनों में तीन उग्रवादी संगठनों के प्रमुख हैं. जिनमें टीपीसी, पीएलएफआई और जेजेएमपी उग्रवादी संगठन शामिल हैं. यह तीनों उग्रवादी संगठनों के द्वारा समय-समय पर आपराधिक घटनाओं को अंजाम देकर झारखंड पुलिस को चुनौती देने का काम किया जा रहा है. इस दौरान इन तीनों उग्रवादी संगठन के कई छोटे-बड़े उग्रवादी पकड़े गए या फिर मुठभेड़ में मारे गए. लेकिन, इन तीनों उग्रवादी संगठन के सुप्रीमो को पकड़ने या फिर मार गिराने में झारखंड पुलिस सफल आज तक नहीं हो पाई है. जिनमें पीएलएफआई के दिनेश गोप, टीपीसी के गोपाल उर्फ बृजेश गंजू और जेजेएमपी के पप्पू लोहरा शामिल हैं.
हर बार बच निकलता है पीएलएफआई सुप्रीमो दिनेश गोप
पीएलएफआइ सुप्रीमो दिनेश गोप को मार गिराना या गिरफ्तार करना झारखंड पुलिस के लिए चुनौती बनी हुई है. झारखंड सरकार ने दिनेश गोप पर 25 लाख का इनाम घोषित कर रखा है. जबकि एनआईए ने पांच लाख का इनाम घोषित किया है. दिनेश गोप कई बार मुठभेड़ में बच कर निकलने में सफल रहा है. पीएलएफआइ उग्रवादी संगठन का दबदबा कम होता जा रहा है. एक के बाद एक हार्डकोर उग्रवादी गिरफ्तार होते जा रहे हैं. एक-एक कर पीएलएफआई उग्रवादी संगठन का एरिया साफ होने लगा है. इसके बावजूद झारखंड पुलिस दिनेश गोप को गिरफ्तार करने या फिर मार गिराने में कामयाब नहीं हो पायी है. टेरर फंडिंग के मामले में एनआईए ने आरसी 02/2018 एनआईए-डीएलआई में दिनेश गोप को स्थायी तौर पर फरार घोषित किया है.
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पहले जिस पप्पू लोहरा के साथ घूमते थे अब उससे ही लड़ना पड़ रहा झारखंड पुलिस को
पहले जिस पप्पू लोहरा के साथ घूमते थे अब उससे ही लड़ना पड़ रहा है. जेजेएमपी सुप्रीमो पप्पू लोहरा के निर्देश पर जेजेएमपी उग्रवादी कई छोटी-बड़ी घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं. इसके बावजूद झारखंड पुलिस पप्पू लोहरा को पकड़ने या फिर मार गिराने में सफल नहीं हो पाई है. गौरतलब है कि झारखंड पुलिस को तीन साल पहले तक पुलिस के अधिकारी और जवान जिस जेजेएमपी के उग्रवादी के साथ जंगल में घुमते थे. अब ऐसा क्या हुआ कि उसी उग्रवादी के साथ पुलिस को मुठभेड़ करना पड़ रहा है. 16 दिसंबर 2018 को जंगल की एक फोटो वायरल हुई थी. जंगल में सीआरपीएफ के अधिकारी और जवान थे और साथ में जेजेएमपी का उग्रवादी पप्पू लोहरा और सुशील उरांव भी था. एक तथ्य यह भी था कि पप्पू लोहरा पर झारखंड पुलिस ने 10 लाख का और सुशील उरांव पर 5 लाख रुपये के इनाम की घोषणा कर रखी है. फोटो सामने आने के बाद पुलिस मुख्यालय के अधिकारियों व सीआरपीएफ के अधिकारियों ने कहा था कि इस तस्वीर की जांच होगी. जांच हुई या नहीं. जांच हुई तो क्या कार्रवाई हुई, इसकी जानकारी अब तक सार्वजनिक नहीं हो पायी है.
झारखंड पुलिस और एनआईए के रडार पर टीपीसी सुप्रीमो ब्रजेश गंझू
झारखंड पुलिस और एनआईए की रडार पर टीपीसी सुप्रीमो ब्रजेश गंझू भी है. इसके बावजूद झारखंड पुलिस ब्रजेश गंझू को पकड़ने में अब तक सफल नहीं हो पायी है. एनआईए टेरर फंडिंग मामले में कांड संख्या आरसी 06/2018, 22/2018 और 23/2018 एनआईए डीएलआई में बृजेश को फरार घोषित किया है.
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गौरतलब है पूर्व में भाकपा माओवादियों से निपटने के लिए पुलिस अफसरों ने पीएलएफआइ को खड़ा किया था, लेकिन यही संगठन पुलिस के लिए गंभीर चुनौती पेश करने लगा. इन दोनों संगठनों का मूल समाप्त करने की जगह पुलिस अफसरों ने भाकपा माओवादियों से अलग हुए नक्सलियों को सहायता देकर टीपीसी नामक उग्रवादी संगठन खड़ा करने में मदद की. भाकपा माओवादी से अलग हुए ब्रजेश, मुकेश, कोहराम और आक्रमण ने इसका गठन किया था. जिसके बाद से एक के बाद एक बड़ी घटनाओं को अंजाम देकर टीपीसी उग्रवादी संगठन पुलिस के लिए चुनौती बनी हुई है.