Ranchi : झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमिटी अब पुलिस विभाग की तरह काम कर रहा है. दरअसल 15 दिनों के आउटरिच अभियान को लेकर सभी जिला अध्यक्षों को निर्देश दिया गया है कि वे अति आवश्यक काम को लेकर पूर्व सूचना देकर ही जिला से बाहर जाने का काम करेंगे. ऐसा इसलिए क्योंकि कभी भी जोनल को-ऑर्डिनेटर, कार्यकारी अध्यक्ष और प्रदेश अध्यक्ष, जिला का दौरा कर सकते हैं. इस निर्देश को लेकर जिला अध्यक्षों में काफी नाराजगी है. ‘लगातार न्यूज’ से बातचीत में कई जिला अध्यक्षों ने इस पर आपत्ति जतायी है.
ऊपर से नया-नया निर्देश किया जा रहा है लागू
नाम नहीं लिखने की शर्त पर जिला अध्यक्षों का कहना है कि प्रदेश कांग्रेस तो अब पुलिसिया कार्यशैली की तरह काम कर रही है. जिला की तरह कोई भी पुलिस अधिकारी अपने सीनियर को बिना बताए जिला नहीं छोड़ सकते. ठीक उसी तरह हम लोगों को भी प्रदेश नेतृत्व से ऐसा निर्देश दिया जा रहा है. इनका कहना है कि सरकार बने डेढ़ साल हो गये हैं, लेकिन आज तक बीस सूत्री, क्रियान्वयन और बोर्ड निगम का बंटवारा तक नहीं हो सका है. ऊपर से हमलोंगों पर नया-नया निर्देश लागू कर इसे पालन कराने की बात की जा रही है.
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अभियान की समीक्षा को लेकर 14 को जिला अध्यक्षों की होगी बैठक
बता दें कि अखिल भारतीय कांग्रेस कमिटी के निर्देश पर राष्ट्रव्यापी आउटरिच अभियान 1 जुलाई से पूरे प्रदेश में चलाया जा रहा है. यह कोविड-19 के संक्रमण से ग्रसित/मृतक के परिवार एवं रोजगार विहीन लोगों से सीधा संपर्क करने का अभियान है. अभियान की समीक्षा को लेकर प्रदेश अध्यक्ष डॉ रामेश्वर उरांव की अध्यक्षता में आगामी 14 जुलाई को जिला अध्यक्षों की बैठक बुलायी गयी है. अभियान के तहत प्रखंड ही नहीं, बल्कि पंचायत को आधार बनाकर ग्राम, कस्बा, वार्ड में कोविड योद्धा के माध्यम से एक दिन में 10 से 15 घऱों में जनसंपर्क अभियान चलाया जाना है. इसी अभियान के निरीक्षण को लेकर कभी भी जोनल को-ऑर्डिनेटर/कार्यकारी अध्यक्ष एवं प्रदेश अध्यक्ष जिले का दौरा कर सकते हैं.
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