NewDelhi : भाजपा के राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने पिछले दिनों एक टीवी चर्चा के क्रम में चीन की नीतियों को लेकर कहा कि चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग एक मास्टर प्लानर हैं. वह बिना समय गंवाये भारत को बेवकूफ बनाने में गुरेज नहीं करेंगे. स्वामी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की 18 वन-टू-वन मुलाकातों पर कहा कि इस दौरान ही चीन ने देपसांग इलाके पर कब्जा कर लिया था. कहा कि ऐसा कोई रिकॉर्ड नहीं है जिससे साफ हो सके कि पीएम मोदी ने जिनपिंग के सामने देपसांग का मुद्दा उठाया या नहीं.
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भारत ने कैलाश रेंज की चोटियों से खुद को पीछे कर लिया
बता दें कि लगातार पीएम मोदी पर हमलावर हो रहे स्वामी ने समाचार चैनल न्यूज एक्स के कार्यक्रम दी राउंडटेबल विद प्रिया सहगल में कहा कि पिछले सात सालों में आप चीन के साथ मुद्दा सुलझाने का तरीका नहीं ढूंढ सके. बातचीत के दौरान ही चीन ने देपसांग और डेमचोक इलाके में घुसने की कोशिश की. इन सबके बावजूद हम बातचीत के लिए सकारात्मक माहौल ही बनाते रहे. स्वामी ने आरोप लगाया कि भारत ने कैलाश रेंज की चोटियों से खुद को पीछे कर लिया. जिसका परिणाम यह हुआ कि चीनी यहां घुस आये. कहा कि अगर हम कैलाश रेंज पर बने रहते तो चीन की हरकतों पर ऊपर से निगरानी कर सकते थे.
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चीन पाकिस्तान पर अपना प्रभुत्व बढ़ा रहा है
सुब्रमण्यम स्वामी ने सवाल पूछा कि हम किस आधार पर चीन के साथ बातचीत कर रहे हैं. बताया कि किस तरह से चीन भारत के खिलाफ पाकिस्तान का इस्तेमाल करने की कवायद कर रहा है. स्वामी कहते हैं कि चीन, पाकिस्तान पर अपना प्रभुत्व बढ़ा रहा है. वहां की सिविल सोसाइटीज में चीन का वर्चस्व बढ़ रहा है, वह वहां के लोगों को पैसा दे रहा है, उनकी लाइफ स्टाइल में बदलाव ला रहा है. स्वामी के अनुसार भारत की कुछ नीतियों से परेशान होकर श्रीलंका ने भी चीन की मदद स्वीकार कर ली है.
चीन को लेकर भारत का रवैया संतोषजनक नहीं
स्वामी ने कहा कि अमेरिका के साथ हमारे रिश्ते कितने भी मधुर हो जायें, वह हमारी मदद सिर्फ हथियारों के माध्यम से ही कर सकता है. उन्होंने कहा कि अमेरिका के पास दुनिया के सर्वश्रेष्ठ हथियार हैं लेकिन उनको इस्तेमाल करने की कुछ शर्ते हैं, अगर आप रुस के हथियारों का इस्तेमाल करते हैं जिनमें चीन के उपकरणों का इस्तेमाल है तो आपको यह हथियार नहीं दिये जायेंगे. इससे पूर्व भी एक टीवी चैनल कार्यक्रम में स्वामी ने कहा था कि चीन को लेकर भारत का रवैया संतोषजनक नहीं है, जिस तरह हमने चीन को गलवान औऱ कैलाश रेंज से भगाया है, उसी तरह का रुख हमें और जगहों पर भी अपनाना चाहिए लेकिन सरकार बातचीत की रास्ती ही खोजती है.