Ranchi : पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास, एडीजे अनुराग गुप्ता और पूर्व मुख्यमंत्री के प्रेस सलाहकार अजय कुमार के मामले में पीसी एक्ट जोड़ने के आवेदन पर अब विजिलेंस कोर्ट में सुनवाई होगी. ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट की अदालत ने इन सभी के खिलाफ दर्ज मुकदमे में पीसी एक्ट की धाराएं जोड़ने के आवेदन पर सुनवाई के बाद इस मामले को ट्रांसफर कर दिया है.अदालत के इस निर्णय से राज्यसभा चुनाव हॉर्स ट्रेडिंग मामले में आरोपी उक्त सभी लोगों की मुश्किलें फिलहाल कम होती नहीं दिख रही हैं. बल्कि बढ़ ही सकती हैं.पीसी एक्ट जोड़ने संबंधी आवेदन पर रांची सिविल कोर्ट के ज्यूडिशल मजिस्ट्रेट चतुर्थ अनुज कुमार की अदालत ने ऑर्डर दिया है.
केस चलाने के लिए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मंजूरी दे दी है
बता दें कि झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास, एडीजी अनुराग गुप्ता और पूर्व सीएम के सलाहकार अजय कुमार के खिलाफ पीसी एक्ट ( प्रीवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट ) के तहत केस चलाने के लिए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मंजूरी दे दी है. पीसी एक्ट के तहत मामला चलाने का आदेश वर्ष 2016 में राज्यसभा चुनाव के दौरान हॉर्स ट्रेडिंग के मामले में दी गई है. इसमें अनुराग गुप्ता और अजय कुमार को प्राथमिक अभियुक्त माना गया है, जबकि रघुवर दास को अप्राथमिक अभियुक्त.
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वोट के लिए रिश्वत देने की कोशिश की थी
जानकारी के मुताबिक अनुराग गुप्ता और अजय कुमार ने भाजपा प्रत्याशी के पक्ष में मतदान करने के लिए कांग्रेस विधायक निर्मला देवी के पति योगेंद्र साव को रिश्वत देने की कोशिश की थी. उस वक्त वायरल एक वीडियो में रघुवर दास और अजय कुमार धुर्वा स्थित योगेंद्र साव के घर भी गये थे. वीडियो में रघुवर दास सब ठीक कर देने की बात कह रहे थे. जिस वक्त का वीडियो है, उस वक्त योगेंद्र साव पुलिस की नजर में फरार चल रहे थे.
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बाबूलाल मरांडी ने तब चुनाव आयोग से की थी शिकायत
ऑडियो और वीडियो वायरल होने के बाद जेवीएम के अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ( अब भाजपा के विधायक हैं ) ने चुनाव आयोग से इसकी शिकायत की थी. चुनाव आयोग ने अपनी जांच में शिकायत को सही पाया. जिसके बाद आयोग ने झारखंड सरकार को प्राथमिकी दर्ज करने और अनुराग गुप्ता व अजय कुमार के खिलाफ विभागीय कार्यवाही शुरू करने का आदेश दिया था. रघुवर सरकार ने अनुराग गुप्ता के खिलाफ जगन्नाथपुर थाना में प्राथमिकी दर्ज कर ली थी. उनके खिलाफ विभागीय कार्यवाही भी शुरू की थी. लेकिन अजय कुमार के खिलाफ किसी तरह की विभागीय कार्यवाही नहीं शुरू की गयी. जबकि जिस वक्त यह घटना हुई थी, उस वक्त वह प्रींसिपल सेक्रेटरी रैंक में सीएम के राजनीतिक सलाहकार थे. हेमंत सोरेन के सत्ता में आने के बाद सरकार ने अनुराग गुप्ता को निलंबित कर दिया.
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Jpsc ke bare main kuch suchna dijiye…rojgar ke uper kuch dhyan dijiye….jharkhand ke lakho chatr berojgar hai