Lagatar Desk : कर्नाटक हाईकोर्ट ने बेलगावी के पुलिस कमिश्नर से पूछा है कि जब कोरोना की गाइडलाइन को तोड़ा गया, तो फिर अमित शाह पर प्राथमिकी क्यों दर्ज नहीं की गई. रैली में शामिल दूसरे लोगों को खिलाफ प्राथमिकी क्यों नहीं दर्ज की गई. क्यों नहीं कार्रवाई की गई.
जानकारी के मुताबिक, बीते 17 जनवरी को गृह मंत्री अमित शाह ने कर्नाटक के बेलागावी जिला स्टेडियम में रैली का आयोजन किया था. इस रैली में कई भाजपा नेताओं के अलावा बड़ी संख्या में भाजपा के समर्थक शामिल हुए थे. रैली के दौरान कोरोना को लेकर जारी गाइडलाइन का पालन नहीं करवाया गया था. इसे लेकर लेट्जकिट फाउंडेशन ने हाइकोर्ट में याचिका दाखिल की थी.
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तस्वीरों से साफ है नहीं हुआ गाइडलाइन पालन
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि तस्वीरें देखने से साफ होता है कि 17 जनवरी को बिना मास्क लगाये लोग रैली में शामिल हुए. सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं कराया गया. पुलिस कमिश्नर ने जो जानकारी दी है, उससे पता चलता है कि इसे लेकर किसी तरह की प्राथमिकी दर्ज नहीं की गयी. पुलिस ने सिर्फ 20 हजार रूपया का जुर्माना लगा कर मामले को खत्म कर दिया.
कर्नाटक हाइकोर्ट के मुख्य न्यायधीश अभय श्रीनिवास ओका और सूरज गोविंदराज की बेंच ने पुलिस कमिश्नर को फटकार लगायी. साथ ही कहा कि पुलिस कमिश्नर का जवाब लापरवाही वाला है. पुलिस कमिश्नर को शायद यह नहीं पता है कि महामारी एक्ट के तहत किस तरह की कार्रवाई की जाती है.
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