Bengaluru : आखिरकार कर्नाटक में मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने कुर्सी के नाटक के बीच लिंगायत कार्ड खेल दिया. बता दें कि 78 साल के येदियुरप्पा को हटाये जाने की अटकलें लंबे समय से चल रही हैं. इस बीच अब येदियुरप्पा अपरोक्ष रूप से शक्ति प्रदर्शन भी कर रहे हैं .उन्होंने बेंगलुरु में सीएम आवास पर कई धार्मिक मठों के संतों के साथ बैठक की. इसे कर्नाटक की राजनीति में लिंगायत कार्ड के रूप में देखा जा रहा है.
बता दें कि येदियुरप्पा ने विभिन्न हिस्सों से लिंगायत मठों के 35 से अधिक संतों के साथ मुलाकात कर उनके प्रति अपना समर्थन व्यक्त किया .संतों ने कहा कि अगर भाजपा आलाकमान ने अगले दो से तीन दिनों में नेतृत्व परिवर्तन की अपनी कथित योजना पर पुनर्विचार नहीं किया, तो 300 से अधिक बिशप भी बेंगलुरु में इकट्ठा होंगे.
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येदियुरप्पा को परेशान किया गया तो कर्नाटक में भाजपा का सफाया हो जाएगा
बलेहोसुर मठ के डिंगलेश्वर स्वामीजी ने कहा कि अगर येदियुरप्पा को परेशान किया गया तो कर्नाटक में भाजपा का सफाया हो जाएगा. कहा कि येदियुरप्पा को मुख्यमंत्री पद से हटाने का फैसला दुर्भावनापूर्ण इरादे से किया गया है .अब ऐसा करने की क्या जरूरत है? हम मांग करते हैं कि पार्टी ऐसी योजनाओं को छोड़ दे, वरना इसका अंजाम खराब होगा .
इसी तरह चित्रदुर्ग के मुरुघा मठ के शिवमूर्ति मुरुगराजेंद्र स्वामी, अनुसूचित जनजाति के एक प्रमुख मठ मदारा चन्नैया गुरु पीठ के बसवा मूर्ति स्वामी, भोवी गुरु पीठ के सिद्धारमेश्वर स्वामी और कुंचितिगरा गुरु पीठ के शांतवीर स्वामी ने भी येदियुरप्पा का समर्थन किया है. मुख्यमंत्री से मुलाकात के बाद स्वामी ने कहा, ‘जब हमने येदियुरप्पा से पूछा कि दरअसल हुआ क्या है, तो उन्होंने कहा कि वह इस पर कोई टिप्पणी नहीं करेंगे और आलाकमान का फैसला अंतिम है. उन्होंने और कुछ नहीं कहा.
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भाजपा को दुष्परिणाम भुगतने होंगे
उन्होंने कहा, ‘संतों की एकमत राय है कि येदियुरप्पा को मत हटाइए .यदि ऐसा किया जाता है तो आपको (भाजपा को) आने वाले दिनों में दुष्परिणाम का सामना करना पड़ेगा. उन्होंने कहा, बदलाव की जरूरत ही क्या है? हालांकि हम नये नेताओं को आगे लाने के विरूद्ध नहीं हैं.