RANCHI : आज कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया के दिन भाई दूज के साथ-साथ चित्रगुप्त पूजा भी की जाती है. चित्रगुप्त पूजा पूरे भारत में खास तौर पर कायस्थ समुदाय के लोग करते है. इस दिन व्यापार जगत के लिये भी खास होता है. कायस्थ और व्यापार वर्ग के लिये चित्रगुप्त पूजा के दिन से ही नये साल की शुरूआत होती है.
क्यों की जाती है चित्रगुप्त महाराज की पूजा
चित्रगुप्त पूजा या कलम-दावत पूजा हर साल दीपावली को बाद मनाया जाता है. लोगों का मानना है कि यह पूजा करने से इंसान को मृत्यु के बाद स्वर्ग की प्राप्ती होती है. ऐसा माना जाता है कि चित्रगुप्त भगवान अच्छे या बुरे कर्मों के आधार पर यह तय करते हैं कि कौन स्वर्ग में जायेगा और कौन नरक में. क्योंकि हिंदू पौराणिक कथाएं ‘कर्म’ पर आधारित हैं, इसलिए यह त्योहार हिंदू समुदाय में विशेष महत्व रखता है.
इसे भी पढ़े – बॉडीगार्ड वापसी के बाद से ठेकेदार और कारोबारियों से रंगदारी मांगने की घटना में हुई बढ़ोतरी
देवताओं के मुनीम हैं चित्रगुप्त
चित्रगुप्त भगवान हमेशा अपने हाथों में एक क्विल और एक किताब पकड़े हुये होते हैं. ऐसा माना जाता है कि भगवान ब्रह्मा ने मृतकों की भूमि यम को दे दी थी, हालांकि, जब मृत आत्मा उनके पास आती थी तब वह भ्रमित हो अक्सर गलत आत्माओं को या तो स्वर्ग या नरक में भेजते थे. तब भगवान ब्रह्मा ने उन्हें सभी आत्माओं का बेहतर लेखा-जोखा रखने का आदेश दिया. यम देव के लिये इतनी आत्माओं का लेखा- जोखा रखना असंभव था. भगवान ब्रह्मा इस समस्या से परेशान थे और इसका समाधान खोजने के लिए ध्यान लगाकर बैठे थे. जब उन्होंने अपनी आँखें खोलीं, तो उन्होंने एक आदमी को कलम और कागज के साथ खड़ा पाया. चित्रगुप्त का जन्म भगवान ब्रह्मा के शरीर या ‘काया’ से हुआ था और वह उनका कार्य गुप्त था इस कारनवश उन्हें चित्रगुप्त नाम दिया गया. उनके वंशजों को कायस्थ के नाम से जाना जाता है.
आज होती है कलम-कागज़ की पूजा
बुद्धि और ज्ञान प्राप्त करने के लिए भी चित्रगुप्त जी की पूजा की जाती है. घर पर पूजा करते समय, भक्त शिक्षा के प्रतीक के रूप में कलम और कागज की भी पूजा करते हैं. चित्रगुप्त पूजा से लेखनी, वाणी और विद्या का वरदान मिलता है.
इसे भी पढ़े – छठ घाट पर प्रतिबंध पर बीजेपी ने कहा सरकार कर रही स्नातनी समाज पर आघात, जेएमएम ने कहा सुरक्षा सबसे जरूरी
व्यापार जगत के लिये आज से शुरू होगा नया साल
व्यवसायी आज के दिन को अपने नए साल के दिन की तरह मनाते हैं. पूजा स्थल पर सेल्स बुक रख व्यापारी अपने व्यापार की सुख समृद्धि के लिए चित्रगुप्त की पूजा करते हैं।
इसे भी पढ़े – नक्सलियों ने मुखबिरी का आरोप लगाकर ग्रामीण की हत्या, घटनास्थल पर छोड़ा पोस्टर