Dinesh Pandey
Bokaro: कोरोना महामरी के बीच पीडीएस दुकानदरों की मानमानी चरम पर है. ये दुकानदार आपदा में अवसर तलाश कर अपनी जेब भर रहे हैं. वो भी गरीबों को अनाज बेचकर. अपने हक का अनाज जब गरीब पीडीएस डीलरों के पास लेने जा रहे हैं, तो उन्हें तय राशन से कम सामग्री दी जा रही है. मई और जून माह के लिए प्रति व्यक्ति 5 किलो मुफ्त राशन दिया जाना था. लेकिन ऐसे कई डीलर हैं जिन्होंने अभी तक राशन नहीं दिया गया है. कुछ डीलर जो राशन दे रहे हैं वो अनाज में कटौती कर रहे हैं.
देखिए वीडियो-
दुकानदारों की समानांतर सरकार !
बोकारो जिले में पीडीएस दुकानदारों की समानांतर सरकार चलती हैं. यहां राज्य सरकार के नियम नहीं, दुकानदारों ने अपना कानून बना रखा है. लेकिन अधिकारियों के सामने क्या मजबूरी है कि करवाई नहीं होती. जब लगातार न्यूज की टीम चास प्रखंड के पिंडराजोरा पंचायत के केंदाडीह पहुंची तो उपभोक्ताओं ने जो बताया वह अलग ही है. डीलर ने कहा कि, एक किलो की कटौती करते हैं. उसके कबूलनामें ने उपभोक्ताओं के आरोप पर मुहर लगा दी है.
दुकानदार के अधीन 340 उपभोक्ता
केंदाडीह जन वितरण प्रणाली की दुकान के अधीन कुल 340 कार्डधारी हैं. उपभोक्ताओं के मुताबिक उन्हें अप्रैल माह में मुफ्त मिलने वाला अनाज नहीं दिया गया है. ऐसे में सरकार के दावे को दुकानदारों ने ठेंगा दिखाने का काम किया है.
अधिकारी खामोश क्यों हैं ?
उपभोक्ता खाद्य सामग्री को लेकर बेचैन हैं. लॉकडाउन में रोजगार बंद है. लेकिन अधिकारियों की खामोशी से लूट मची है. यदि अधिकारी निरीक्षण करते तो उपभोक्ताओं को न्याय मिल जाता.
क्या कहते हैं उपभोक्ता ?
उपभोक्ता कहते हैं कि दुकानदार मनमानी करते हैं. जो कहते हैं, या देते हैं, उसे लेना हमारी मजबूरी है. क्योंकि अधिकारी भी सुनते नहीं हैं. ऐसे में जन वितरण प्रणाली का उद्देश्य कैसे पूरा होगा ?