Kiriburu (Shailesh Singh) : आदिवासी समन्वय समिति एवं ग्राम सभा की संयुक्त बैठक गुमिदा छात्रा की अध्यक्षता में सोमवार को नंदपुर में हुई. बैठक में समिति के संयोजक सुशील बारला ने कहा कि वनाधिकार कानून बनने के 16 साल बाद भी सारंडा के लोगों को वनाधिकार पट्टा नहीं मिला है. वहां बसे लोगों को मौलिक सुविधाओं से वंचित करना अत्यन्त ही दुर्भाग्यपूर्ण है. सारंडा के लोगों को मानवाधिकार से वंचित करना “आस” बर्दाश्त नहीं करेगी. इसके लिए चरणबद्ध आन्दोलन किया जाएगा.
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बैठक में वनाधिकार, वनग्राम में मौलिक सुविधा जैसे शिक्षा, स्वास्थ्य, पेयजल एवं अन्य मांगों के लिये सारंडा के 10 वनग्राम को राजस्व ग्राम का दर्जा देने, गोइलकेरा से मनोहरपुर एवं मनोहरपुर से जराईकेला पीडब्ल्यूडी पथ निर्माण में लिए गए जमीन के रैयतों को मुआवजा देने, कोलायबुरू से थोलकोबाद भाया बालिबा एवं तेतलीधाट से बहदा सड़क का निर्माण करने, सरकारी योजनाओं में न्यूनतम मजदूरी सुनिश्चित करने एवं अन्य मुद्दों पर विस्तार से विचार विमर्श किया गया.
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विचारोपरांत 10 दिसम्बर को मानवाधिकार दिवस के दिन उपरोक्त मुद्दों के समर्थन में पुराना उपायुक्त कार्यालय चाईबासा में एक दिवसीय धरना-प्रदर्शन करने का निर्णय लिया गया. बैठक को गुमिदा जतरमा,चोकरो तापे, ओडेया देवगम, सोमा होनहगा, पोरेस बुरुमा, मंगल चाम्मिया, लाम्बोरा गुड़िया, शांन्तिएल कंडायबुरू, बुधराम तोरकोड ने भी संबोधित किया.