Kiriburu (Shailesh Singh) : झारखण्ड राज्य भ्रष्टाचार उन्मूलन समिति के प्रदेश अध्यक्ष प्रो गणेश प्रसाद ने डीएमएफटी के प्रभारी निदेशक एवं सदस्य सचिव के साथ ग्रामीण विकास विशेष प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता पर योजनाओं के चयन में पक्षपात व भारी अनियमितता बरतने का आरोप लगाया है. इस संबंध में गणेश प्रसाद ने झारखण्ड के राज्यपाल को पत्र लिख कर मामले की जांच कराने की मांग की है. उन्होंने बताया है कि पीएमकेकेकेवाई/डीएमएफटी के मार्गदर्शिका का घोर उल्लंघन किया जा रहा है. इस संबंध में खान एवं भूतत्व विभाग के निदेशालय के द्वारा भी खनन प्रभावित क्षेत्र के विकास एवं कल्याण को प्राथमिकता देने की बात कही है. लेकिन डीएमएफटी के सदस्य सचिव द्वारा गलत ढंग से कुछ लोगों को लाभ पहुंचाने के लिए पूरी तरह से खनन क्षेत्र को नजर अंदाज किया गया है. महत्वपूर्ण यह है कि ग्राम सभा से जो योजना पारित है, उसे दरकिनार कर पुन: बीडीओ के माध्यम से योजनाओं को ग्राम सभा से पारित कराया जा रहा है.
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पंचायत प्रतिनिधि की अनुशंसा नहीं ली गई
डीएमएफटी के प्रभारी निदेशक एवं सदस्य सचिव के साथ-साथ ग्रामीण विकास विशेष प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता की मिलीभगत से डीएमएफटी के करोड़ो की योजना की लूट की पृष्ठ भूमि तैयार की गई है. जिले के भ्रष्ट पदाधिकारियों एवं अभियन्ताओं के गठजोड़ से जिला में उपलब्ध डीएमएफटी फंड के करोड़ो रुपये की राशि की लूट पर अंकुश लगाना गरीब आदिवासी जनता के कल्याण एवं विकास हित में आवश्यक है. योजनाओं के चयन में जिला परिषद के अध्यक्ष एवं नोवामुंडी एवं मनोहरपुर प्रखंड के प्रमुख, उप प्रमुख के साथ-साथ गुवा के दक्षिण-उत्तर के मुखिया, किरीबुरू दक्षिण-उत्तर के मुखिया की अनुशंसा नहीं ली गयी है. जबकि उक्त जनप्रतिनिध भी डीएमएफटी के सदस्य है एवं खनन प्रभावित क्षेत्र के हैं. वैसे इस शिकायत पत्र की प्रतिलिपि मुख्य सचिव, कोल्हान आयुक्त को भी भेजी गई है.







इस मामले पर चोर नम्बर एक है जिला के उपायुक्त जो इसके बारे मे कई बार अवगत कराने के बावजूद कभी ध्यान नही दिया है इन पर नियमानुसार कार्रवाई होनी चाहिए