Kiriburu (Shailesh Singh) : सारंडा जंगल स्थित टीएसएलपीएल खदान में शुक्रवार की देर रात विलुप्त प्रजाति की एक जंगली बिल्ली दिखाई दी. इस प्रजापति की जंगली बिल्ली देश में बहुत कम पाई जाती है. बिल्ली की तस्वीर (विडियो) खदान के कर्मचारियों ने मोबाइल के कैमरे में कैद की है. विडियो में दिखाई दे रहा है कि बिल्ली रात के समय जंगल से खदान के खनन क्षेत्र में प्रवेश करती है और एक डम्प क्षेत्र पर चढ़कर कुछ देर इधर-उधर देख पुनः वापस जंगल की ओर चली जाती है. खादान में रोशनी की बेहतर व्यवस्था होने के कारण जंगली बिल्ली की गतिविधियां साफ दिखाई दे रही थी. बता दें कि कुछ वर्ष पूर्व सेल की बोलानी खदान क्षेत्र में एक जंगली बिल्ली मृत अवस्था में पाई गई थी. तब इसकी पुष्टि वन विभाग ने की थी.
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जंगल में कई प्रकार के जानवर है मौजूद
उल्लेखनीय है कि सारंडा जंगल के विभिन्न क्षेत्रों में अनेक प्रकार के जंगली जानवर हैं. इनका शिकार ग्रामीणों द्वारा निरंतर किया जाता रहा है. किरीबुरू-बड़ाजामदा मुख्य मार्ग पर ओम शांति स्थल मंदिर क्षेत्र के आसपास की पहाड़ियों में तमाम प्रकार के जंगली जानवरों का बसेरा वर्षों से रहा है. जैसे बाघ, तेंदुआ, हाथी, जंगली सुअर, जंगली बकरी, खरगोश आदि. वन विभाग सारंडा में हमेशा से बाघ नहीं होने की बात कहते आ रहा है. जबकि बाघ को किरीबुरू, मेघाहातुबुरु, बोलानी से लेकर सारंडा के अनेक गांव के ग्रामीणों ने अपनी आंखों से देखा है. कुछ वर्ष पूर्व किरीबुरू के तत्कालीन रेंजर एके चौधरी ने अपने सहयोगियों के साथ किरीबुरू आने के दौरान रात में ओम शांति स्थल के पास एक बड़ा बाघ देखा था. वर्षों पूर्व दुबिल क्षेत्र के जंगल में ग्रामीणों द्वारा एक बाघ व एक तेंदुआ का शिकार कर दिया गया था. वैसे सारंडा जंगल की शोभा व श्रृंगार वन्यप्राणी ही है. इनके संरक्षण को लेकर बेहतर कार्य योजना बनाने की जरूरत है.
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