Kiriburu/Chaibasa (Shailesh/Sukesh) : भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) केंद्रीय कमेटी के प्रवक्ता अभय ने प्रेस विज्ञप्ति जारी किया है. इसमें जल – जंगल – जमीन – इज्जत और सशक्तीकरण के लिए आदिवासी जनता के संघर्षों को ऊंचा रखने और 9 अगस्त अंतरराष्ट्रीय आदिवासी दिवस को आदिवासी जनता के ऊपर होने वाली अत्याचारों के खिलाफ संघर्ष करने का अह्वान किया है. 9 अगस्त विश्व आदिवासी दिवस के मौके पर नई वन संरक्षण नियम, जो केंद्र सरकार जून 28 को प्रस्तावित किया है, उसके विरोध में दण्डकारण्य और बिहार – झारखंड की आदिवासी जनता के संघर्ष के समर्थन में विभिन कार्यक्रमों को आयोजित करने का आह्वान किया है. ब्राह्मणीय हिंदूत्व फासीवादी भाजपा ने ओडिशा के मयूरभंज के ऊपरखेड़ा गांव की संथाली आदिवासी परिवार में जन्म लेने वाली द्रौपदी मुर्मू को भारत का राष्ट्रपति ऐसे समय में बनाया है, जब देश को समाप्त करने की प्रक्रिया में लगा हुआ है. जनता के ऊपर नरसंहार का दौर चला रहा है. राष्ट्रपति उम्मीदवार की घोषण के बाद भाजपा ने नई वन संरक्षण नियम को अलोकतांत्रिक संविधान के खिलाफ लाया, जो 5वां और 6ठा शेड्यूल, संविधान और इसके तहत पेसा कानून का घोर उल्लंघन करता है. आदिवासी जनता पूरी हिम्मत से उन पुलिस कैम्पों के खिलाफ संघर्ष कर रहा है, जो गिरिडीह जिला में पर्वतपुर गांव के पास, छत्तीसगढ़ राज्य का बीजानूर, सुकमा जिला में सिलिंगेर और अन्य जगहों पर स्थापित हो रहा है. लोकतांत्रिक क्रांतिकारी और सामाजिक संगठनों के नेतृत्व में केंद्र और राज्य सरकारों के खिलाफ संघर्ष जारी है.
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आदिवासियों की जमीन छीनी जा रही है
केंद्र और राज्य सरकार की गलत नीति के तहत आदिवासी जनता की जमीनों को उन से छीना जा रहा है. और ये प्रक्रिया देश के कई हिस्सों जैसे ओडिशा के नियमगिरि, महाराष्ट्र का गढ़चिरौली के सूर्जागढ़, छत्तीसगढ़ स्थित नारायणपुर के आमदाई मे और झारखण्ड में अन्य जगहों में आदिवासी जनता को उन के जमीनों से वंचित किया जा रहा है. एक आदिवासी महिला को राष्ट्रपति बनाने का भारतीय जनता पार्टी का इरादा साफ है, इस के जरिये भाजपा को अपने नरसंहार को छुपाने के लिये एक आवश्यक जरिया मिला है. माओवादी पार्टी , जनता का सेना पीएलजीए और जनता का राज्याधिकार अंग क्रांतिकारी जनता के कमेटीओ के उपर भाजपा एक के बाद एक दमन अभियान चला रहा है और भारतीय क्रांतिकारी आंदोलन को जड़ से मिटाने के लिये प्रयास में लगा हुआ है. इस के सिवाय उच्च न्यायालय को नियंत्रित करते हुये इस के द्वारा सार्किनगुडा, एडसमेट्टा के नरसहारों में सरकारी सशस्त्र बल को निर्दोष साबित करने का ये षड्यंत्र रचा है.
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हिन्दुत्व ताकतों की मुट्ठी में है टीवी, सोशल मीडिया, पत्रिका
हिंदुत्व ताकतों ने सारे पत्रिका, टीवी, सोशल मीडिया को अपने मुट्ठी में बंद कर लिया है. ऐसी परिस्थिति में जब ब्राहणीय हिंदुत्व फासीवाद तेजी से देश के हर कोने में फैल रहा है, तब सारे उत्पीडित वर्गों, लोकतांत्रिक, बुद्धिजीवियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं का एक ही मकसद होना चाहिये, वह है कि निर्भय हो कर असली लोकतांत्रिक व्यवस्था को लाने के लिये अपनी आवाज बुलंद करें. 9 अगस्त विश्व आदिवासी दिवस के संदर्भ में आदिवासी जनता का संघर्षों को गौरव से आगे ले जाने की भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) की केंद्र कमेटी आह्वान करती है.