Kiriburu (Shailesh Singh): भाकपा माओवादियों का चरित्र व चेहरा कोल्हान रिजर्व वन क्षेत्र के निरीह ग्रामीण जानता जान चुकी है. अब ग्रामीण नक्सलियों का थोड़ा भी साथ नहीं दे रहे हैं. इसी वजह से नक्सली बौखलाहट में पुलिस के खिलाफ गलत प्रचार कर रहे हैं. उक्त बातें कोल्हान डीआईजी अजय लिंडा ने लगातार न्यूज से बातचीत में कही. उन्होंने कहा कि ग्रामीणों के घर, आंगन, आवागमन व वनोत्पाद आदि लाने वाले रास्ते में जब नक्सली स्पाईक होल, बुबी ट्रैप, लैंड माईन लगाकर अपने आप को बचाने के लिये ग्रामीणों को ही मौत के घाट उतारने व नुकसान पहुंचाने लगेगें तो ग्रामीण उनका साथ कैसे देंगे.
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ग्रामीणों में बढ़ा है पुलिस के प्रति विश्वास
कोल्हान जंगल में नक्सलियों के गढ़ में पुलिस के घुसने से ग्रामीणों का विश्वास पुलिस-प्रशासन व सरकार पर बढ़ा है. ग्रामीणों को आस जगी है कि अब उनके गांव में सड़क, बिजली, पानी, चिकित्सा आदि तमाम सुविधाएं बहाल होगी. यह सुविधा व विकास योजनाओं को बहाल होने में नक्सली बाधक बने हुए थे. ग्रामीण अब नक्सली को कतई पसंद नहीं कर रहे हैं. पुलिस के आने से उनमें भारी खुशी है.
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नक्सली कर रहे ग्रामीणों से मारपीट
डीआईजी ने कहा कि कोल्हान रिजर्व वन क्षेत्र के सुदूरवर्ती जंगलों में वर्तमान में 12 पुलिस कैंप स्थापित किये गए हैं. इसमें से आठ कैंप दो-तीन माह के अंदर स्थापित किये गए हैं. नक्सलियों ने अपने बचाव हेतु जो बुबी ट्रैप, स्पाईक होल, लैंड माईन लगाया हैं, उसे पुलिस टीम बड़े पैमाने पर बरामद कर नष्ट कर रहें है. नक्सलियों का प्रभाव क्षेत्र को काफी सीमित हो गया है. नक्सलियों में बौखलाहट है कि ग्रामीण उनकी जगह पुलिस की मदद कर रहे हैं. इसी कारण कुख्यात नक्सली अजय महतो व अन्य कुछ गांवों के ग्रामीणों के साथ मारपीट भी कर रहे हैं. लेकिन अब वह दिन दूर नहीं है जब कोल्हान जंगल को नक्सलियों से मुक्त करा लिया जायेगा.
ग्रामीणों के जीवन को खतरे में डाल रहे नक्सली
अजय लिंडा ने कहा कि जब पुलिस नक्सल प्रभावित गांवों व जंगलों में नहीं पहुंच पा रही थी, तब ग्रामीण नक्सलियों के भय से उन्हे मदद करते थे. लेकिन नक्सलियों ने विस्फोटक लगाकर उन्हीं ग्रामीणों के जीवन को खतरे में डाल दिया. अब नक्सलियों का लॉजिस्टिक सपोर्ट, लेवी आदि मिलना बंद हो रहा है. नक्सलियों के पास यह जंगल छोड़ कर भागने के सिवाय दूसरा कोई रास्ता अब बचा नहीं है.
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