Kiriburu (Shailesh Singh) : मध्य विद्यालय गुवासाई समेत सभी विद्यालयों में गुरुवार को छात्र-छात्राओं व शिक्षक-शिक्षिकाओं ने हर्षोउल्लास के साथ शिक्षक दिवस मनाया. गुवासाई स्कूल में डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन के फोटो पर माल्यार्पण व पुष्प अर्पित कर उन्हें नमन किया. इस दौरान छात्र छात्राओं को संबोधित करते हुए प्रधानाध्यापक सुखदेव प्रधान ने डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जीवनी पर प्रकाश डालते हुए कहा कि आजाद भारत के पहले उपराष्ट्रपति और दूसरे राष्ट्रपति के तौर पर डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन का नाम भारतीय इतिहास में स्वर्णाक्षरों से लिखा गया है. वे दर्शनशास्त्र का भी बहुत ज्ञान रखते थे. उन्होंने भारतीय दर्शनशास्त्र में पश्चिमी सोच की शुरुआत की थी. राधाकृष्णन प्रसिद्ध शिक्षक भी थे. यही वजह है कि उनकी याद में हर वर्ष 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है.
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20वीं सदी के विद्वानों में उनका नाम सबसे ऊपर है. वे पश्चिमी सभ्यता से अलग, हिंदुत्व को देश में फैलाना चाहते थे. राधाकृष्णन जी ने हिंदू धर्म को भारत और पश्चिम देशों में फ़ैलाने का प्रयास किया, वे दोनों सभ्यता को मिलाना चाहते थे. उनका मानना था कि शिक्षकों का दिमाग देश में सबसे अच्छा होना चाहिये, क्यूंकी देश को बनाने में उन्हीं का सबसे बड़ा योगदान होता है. उसके बाद सभी छात्र-छात्राओं ने सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया. बच्चों ने शिक्षकों को उपहार देकर सम्मानित किया. इस मौके पर स्कूल के प्रधानाध्यापक सुकदेव प्रधान, जुनिका टोपनो, रीता कुमारी, निरुपमा गोप, सीता पूर्ति, ज्योति दास, सीमा हुरद सहित अन्य मौजूद थे.
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