Kiriburu (Shailesh Singh) : पश्चिम सिंहभूम जिला अन्तर्गत कोल्हान रिजर्व वन क्षेत्र के जंगलों में नक्सलियों के खिलाफ पुलिस व सीआरपीएफ जवानों की निरंतर मजबूत हो रही घेराबंदी से परेशान नक्सली धीरे-धीरे पीछे हटते जा रहे है. इसी के साथ अब नक्सली जंगल में सुरक्षित आशियाना ढूंढ़ने की तैयारी में लगे हुये हैं. हालांकि नक्सलियों द्वारा गोईलकेरा व टोंटो थाना क्षेत्र के जंगलों में लगाये गये आइईडी व बूबी ट्रैप की वजह से पुलिस को आगे बढ़ने में भारी दिक्कतें हो रही है. पुलिस ने लगातार अभियान चलाकर नक्सलियों के प्रभाव एवं आधार इलाका माना जाने वाले जंगलों का एक बड़ा भूभाग को नक्सल मुक्त कर दिया है. नक्सल मुक्त कराये गये जंगलों में पुलिस नया कैम्प स्थापित करते हुये आगे बढ़ रही है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पुलिस की कार्रवाई से परेशान नक्सली अब ग्रामीणों को डरा-धमका कर पुलिस का विरोध करने के लिए दबाव बना रहे हैं.
इसे भी पढ़ें : जमशेदपुर : जमीन दिलाने के नाम पर लोगों से करोड़ों की ठगी करने वाला ओडिशा से गिरफ्तार
पुलिस की कार्रवाई से बौखलाए नक्सली
इस दबाव में आकर ग्रामीणों की तरफ से पुलिस के सामने कई शर्ते भी रखी जा रही है. जैसी की तलाशी के दौरान पुलिस जूता पहन लोगों के घर में नहीं घुसे, बेवजह किसी को हिरासत में नहीं रखे आदि अनेक बातें शामिल है. नक्सली अब कोल्हान व सारंडा के सीमान्त जंगल क्षेत्रों के गांव बोरोई, पाटूंग, अगरवां आदि की तरफ से होते हुए ओडिशा की तरफ भागने की तैयारी में हैं. नक्सलियों के प्रभाव वाले जंगल में पुलिस कैंप स्थापित होने तथा सर्च आपरेशन के दौरान पुलिस की ग्रामीणों से बढ़ती नजदीकियां व बातचीत से नक्सली घबरा रहे हैं.
नक्सलियों को यह भय सताने लगा है कि कहीं ग्रामीण पुलिस को उनके लोकल सहयोगियों तथा कैडरों, उनके कैम्प व बंकरों आदि संबंधित जानकारी न दे दें. नक्सलियों तक आसानी से पहुंचने वाली तमाम प्रकार के खाद्यान्न व जरूरी समानों को भी पुलिस ने काफी हद तक रोकते हुये उनके बड़े नेटवर्क व चैनल को ध्वस्त कर दिया है.
इसे भी पढ़ें : चाईबासा : झींकपानी व टोंटो प्रखंड के बीआरपी, सीआरपी, शिक्षक व वॉलिंटियर्स को दिया गया प्रशिक्षण
गर्मी बढ़ने के साथ ही बढ़ेगी परेशानी
दूसरी तरफ गर्मी के दौरान जंगल के विभिन्न क्षेत्रों में लग रही आग ने नक्सलियों को काफी परेशान कर रखा है. यह आग नक्सलियों द्वारा लगाये गये आइईडी व उसके साथ जोडे़ गये तार को बडे़ पैमाने पर नुकसान पहुंचा रही है. जंगल की झाड़ियां जल जल जाने से पुलिस को जंगलों में दूर तक देख पाने में आसानी हो रही है. पहले यहीं झाड़ियां नक्सलियों के छिपने में मदद पहुंचा रही थी. गर्मी बढ़ने के साथ-साथ नक्सलियों की परेशानी आगे और बढे़गी. ऐसे में नक्सलियों को क्षेत्र छोड़कर भागने के सिवाय दूसरा कोई विकल्प नहीं बचेगा.
Leave a Reply