Kiriburu : टीएसएलपीएल खदान से प्रभावित सारंडा के विभिन्न गांवों के मुंडा और ग्रामीणों का एक प्रतिनिधिमंडल सारंडा पीढ़ के मानकी लिगुडा देवगम और अखिल झारखंड श्रमिक संघ के कोल्हान प्रभारी राजू सांडिल के नेतृत्व में मंगलवार को कंपनी के पदाधिकारियों से मुलाकात की. उन्होंने खदान के कार्यालय में कंपनी के मुख्य ऑपरेशन पदाधिकारी साहबजी कुचरु, अनिल उरांव (सीएसआर हेड, टाटा स्टील, नोवामुंडी), खान प्रबंधक देवाशीष मुखर्जी, वरिष्ठ प्रबंधक (सीएसआर) अशोक कुमार सोनी से मुलाकात की. बैठक में मानकी लागुडा देवगम और राजू सांडिल ने कंपनी अधिकारियों को बताया कि खदान से निरंतर लाल पानी व फाइन्स निकलता है जो कोयना व अन्य नदी-नालों के माध्यम से रैयत कृषि भूमि को बंजर बना रहा है. इससे नदियों का साफ पानी भी प्रदूषित हो रहा है.
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इससे ग्रामीणों के सामने विकट समस्या उत्पन्न हो गई है. कंपनी प्रबंधन बंजर हो चुकी खेतों का मुआवजा, प्रत्येक प्रभावित गांवों से कम से कम पांच-पांच बेरोजगारों को खदान में रोजगार, सीएसआर के तहत प्रभावित गांवों का विकास, चिकित्सा सुविधा आदि देने और खदानों से बहने वाले लाल पानी व फाइन्स को अविलम्ब रोकने का काम करें. ग्रामीणों की इन मांगों को कंपनी प्रबंधन ने मानने से इनकार कर दिया. लागुडा देवगम और राजू सांडिल ने बताया कि कंपनी जब हमारी कोई मांगें नहीं मानी है तो हमारा पहले से प्रस्तावित 21 अक्टूबर से खदान का अनिश्चितकालीन माल ढुलाई बंद करने का आंदोलन शुरू होगा. आंदोलन बराईबुरु स्थित हाथी चौक पर किया जाएगा. जिसमें सारंडा के दर्जनों गांवों से सैकड़ों ग्रामीण भाग लेंगे. इस वार्ता में ग्रामीणों की तरफ से जोजोगुटू के मुंडा कानूराम देवगम, जामकुंडिया के मुंडा कुशु देवगम, पूर्व मुखिया दुःशासन चेरोवा, मंगल कुम्हार, राउतु कुमार आदि शामिल थे.