Ranchi : एसबीआई की हटिया शाखा 385 करोड़ रूपए का मॉर्डगेज लोन देगा. लोन राशि जारी होने के साथ ही एसबीआई हटिया शाखा जोन में सबसे बडा मॉर्डगेज लोन देने वाला बैंक बन जायेगा. यह लोन एचईसी कंपनी लेगी. कंपनी अपनी 34 एकड़ जमीन बैंक में मॉर्डगेज (गिरवी) कर लोन लेगा.
एसबीआई हटिया शाखा और एचईसी प्रबंधन के बीच मॉर्डगेज लोन को लेकर बातचीत हो चुकी है. लोन राशि से एचईसी अपने कारख़ानों में वर्षों पुराने महत्वपूर्ण मशीनों अपग्रेड करेगा. बैंक से लोन मिलने की हरी झंडी के बाद एचईसी ने मॉर्डगेज लोन और मशीनों को अपग्रेड करने की विस्तृत योजना बनायी है. इससे पहले भी कंपनी बैंक से अपने विभिन्न शॉप को मॉर्डगेज रख लोन ले चुका है.
इसे भी पढ़ें – पंजाब में कैप्टन अमरिंदर सिंह ने घोषित किया नाइट कर्फ्यू, 1 दिसंबर से होगा लागू
केंद्र से नहीं मिला सहयोग तब कंपनी ने मॉर्डगेज लोन लेने का लिया निर्णय
एचईसी अपने वर्षों पुरानी मशीनों को अपग्रेड करने की विस्तृत योजना बनायी थी. योजना के तहत 570 करोड़ रूपए खर्च कर सीएनएसी सिरिज की मशीनों के साथ दर्जनों महत्वपूर्ण मशीनों को अपग्रेड किया जायेगा.
इससे पहले कंपनी ने 1270 करोड़ के अपग्रेडेशन की योजना को केंद्र सरकार के भारी उद्योग मंत्रालय ने स्वीकृत नहीं दी. जिसके बाद एचईसी प्रबंधन ने जमीन मॉर्डगेज रख लोन लेने का निर्णय लिया. लोन राशि जल्द जारी करने के लिए बैंक से बातचीत हो गयी है.
इसे भी पढ़ें – जुमार नदी को भर कर बेचने की तैयारी में जमीन माफिया, प्रशासन बेखबर
देश को जब जरूरत पड़ी एचईसी ने हमेशा दिया साथ
एचईसी कंपनी की आर्थिक स्थिति बेहतर नहीं हैं. कंपनी को केंद्र सरकार से आर्थिक सहायता मिलनी बंद हो गयी. मगर कंपनी आज भी देशहित के लिए कई महत्वपूर्ण उपकरणों का निर्माण कम खर्च में कर रहा है. एचईसी भारत के कई युद्ध और देश की तरक्की के लिए उठाये गये कई कदम में हमेशा साथ रहा.
कंपनी 1971 के युद्ध में इंडियन माउंटेन टैंक, 105 एमएम गैन बैरल का निर्माण,105 एमएम गैन बैरल का निर्माण,टी- 72 टैंक की कास्टिंग,120 एमएम गन का हीट ट्रीटमेंट और मशीनिंग ,आईएनएस राणा के लिए गियर सिस्टम का निर्माण, युद्धपोत के लिए आरमर प्लेट का निर्माण, आधुनिक रडार का निर्माण, परमाणु पनडुब्बी के महत्वपूर्ण उपकरण का निर्माण जैसे कई महत्वपूर्ण कार्यों को जिम्मेदारी के साथ निभाया है. चंद्रयान-जीएसएलवी के लिए लॉन्च पैड बनाने में भी एचईसी की भूमिका रही. रक्षा मंत्रालय से टैंकों को और बेहतर करने की जिम्मेदारी भी उठाता रहा है.
इसे भी पढ़ें – उत्तर प्रदेश में धर्म परिवर्तन पर होगी 4 तरह की सजा