Ranchi : हाल के दिनों में देखा गया है कि राज्य और केंद्र में अलग-अलग पार्टियों की सरकार हो, तो सीएमओ और राजभवन के रिश्ते में चाहे-अनचाहे खटास आ ही जाती है. बंगाल में हाल के दिनों में राजभवन और मुख्यमंत्री के बीच काफी कड़वाहट देखने को मिली. कुछ ऐसा ही माहौल झारखंड में भी बनता दिखाई दे रहा है. कई मुद्दों पर राजभवन का हस्तक्षेप राज्य सरकार को नागवार लगा. आइये जानते हैं, ऐसे ही कुछ मामलों के बारे में, जिन्हें लोकर सीएमओ और राजभवन आमने-सामने दिखे.
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टीएसी (ट्राइबल एजवाइजरी काउंसिल) बना सबसे बड़ा मुद्दा
ट्राइबल एजवाइजरी काउंसिल (टीएसी) को लेकर राजभवन और सरकार सबसे ज्यादा बार आमने-सामने दिखे. महागठबंधन की सरकार बनने के बाद टीएसी के सदस्यों का मनोनयन कर दो बार राज्यपाल के पास भेजा गया. लेकिन दोनों बार राजभवन की तरफ से इसे वापस सरकार को लौटा दिया गया. इसके बाद राज्य सरकार की तरफ से नयी नियमावली ही बना दी गयी. नियमावली में पूरा पावर सीएम को दे दिया गया. नयी नियमावली के मुताबिक अब टीएसी के सदस्यों के चयन में राज्यपाल का किसी तरह का हस्तक्षेप नहीं होगा. इस मुद्दे को बीजेपी ने हाथों-हाथ लिया है. वहीं जेएमएम का कहना है कि ऐसी परंपरा की शुरुआत छत्तीसगढ़ की बीजेपी सरकार के मुखिया रमन सिंह ने ही की थी. जबकि बीजेपी का कहना है कि राज्यपाल की शक्तियां खत्म कर सरकार ने असंवैधानिक काम किया है.
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डीजीपी को दो बार राजभवन तलब किया गया
डीजीपी को दो बार राजभवन तलब किया गया. पहली बार महिलाओं की सुरक्षा और लॉ एंड ऑर्डर को दुरुस्त करने के लिए राजभवन की तरफ से डीजीपी को बुलावा गया. तो दूसरी बार विवादों में रही सब इंस्पेक्टर रूपा तिर्की की मौत को लेकर राज्यपाल ने डीजीपी को तलब किया. डीजीपी को राजभवन की तरफ से तलब किए जाने के बाद राजनीतिक गलियारे में कई तरह की बातें हो रही हैं. कहा जा रहा है कि मौजूदा सरकार को राजभवन की तरफ से घेरने की कोशिश की जा रही है. वहीं इस मामले पर जेएमएम की तरफ से भी राजनीतिक बयान जारी किये गये.
सीएम ने TVNL एमडी को हटाया, फाइल राजभवन में पड़ी
दो जून को मुख्यमंत्री ने टीवीएनएल के एमडी अरविंद कुमार सिन्हा को पदमुक्त करने की अनुशंसा की. राज्यपाल की सहमति के लिए फाइल राजभवन में पड़ी हुई है. राज्यपाल की सहमति नहीं मिलने की वजह से अरविंद कुमार सिन्हा अभी भी कार्यालय आना-जाना कर रहे हैं. साथ ही कई तरह के आदेश भी जारी कर रहे हैं. पिछले एक सप्ताह से बात मीडिया में है. टीवीएनएल के कर्मियों का कहना है कि अरविंद कुमार सिन्हा हटाये जाने के बाद भी मनमाने तरीके से काम कर रहे हैं, लेकिन फाइल राजभवन में रहने की वजह से सरकार कुछ नहीं कर पा रही है.
टीवीएनएल के प्रति गलत बयानी और साजिश के तहत ये सब की जा रही है। आपका खबर अपरिपक्व और पुख्ता नहीं है