LagatarDesk: दिल की बीमारियां मांसपेशियों, धड़कन, कार्डियोमायोपैथी और हार्ट फेलियर से जुड़ी होती हैं. कुछ गंभीर मामलों में रक्त वाहिकाएं प्रभावित होती हैं. इसके अलावा धमनियां सख्त हो जाती हैं, और स्ट्रोक हो जाता है. अनहेल्दी फूड, एक्सरसाइज न करना और बहुत ज्यादा स्मोकिंग करना दिल की बीमारी होने की मुख्य समस्याएं हैं. लेकिन इसके कुछ और भी कारण हैं.
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आइये जानते हैं हार्ट अटैक के कुछ और कारणों के बारे में
- तेज ध्वनि- लगभग 50 डेसीबल की ध्वनि का सेहत पर बुरा असर पड़ता है. ट्रैफिक का तेज शोर से ब्लड प्रेशर बढ़ाता है. इसकी वजह से हार्ट फेलियर भी हो सकता है. हर बार 10 डेसीबल ध्वनि बढ़ने से दिल की बीमारी और स्ट्रोक की संभावना बढ़ जाती हैं.
- माइग्रेन- माइग्रेन की समस्या होने पर स्ट्रोक, सीने में दर्द और दिल का दौरा पड़ने की संभावना ज्यादा हो जाती है. अगर घर में किसी को दिल की बीमारी है तो ये आनुवांशिक रूप से किसी भी फैमिली मेंबर में आ सकता है. अगर दिल की बीमारी के साथ माइग्रेन दोनों की समस्या है, तो माइग्रेन में ली जाने वाली दवा ट्रिपटैन ना लें. इसके सेवन से रक्त वाहिकाएं संकुचित हो जाती हैं.
अकेलेपन से भी बढ़ सकता है हार्ट अटैक का खतरा
- लंबाई का कम होना- सामान्य लंबाई से 2.5 इंच कम होने से हृदय रोग की संभावना लगभग 8 फीसद बढ़ जाती है. छोटे कद के लोगों में कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड का स्तर अधिक होता है.
- अकेलापन- कम दोस्त होने या अपने रिश्तों से नाखुश होने के कारण भी दिल की बीमारी खतरा रहता है. अकेलेपन में हाई ब्लड प्रेशर और तनाव की समस्या को देखा जा सकता है. अकेलेपन से दूर रहने के लिए लोगों को खेलकूद की गतिविधियों में भाग लेना चाहिए. और आसपास के लोगों से संपर्क बढ़ाना भी लोगों के लिए अच्छा होता है.
- लंबे समय तक काम करना- जो लोग हर हफ्ते कम से कम 55 घंटे काम करते हैं उनमें दिल की बीमारी होने का खतरा ज्यादा होती है. इसकी कई वजहें हैं जैसे कि काम का स्ट्रेस लेना और ज्यादा देर तक एक जगह पर बैठना.
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