Lagatar Desk : मोबाइल का जमाना है. लोगों का जीवन बस इसी से जुड़ गया है. लेकिन क्या आपने कभी जानने की कोशिश की है कि आपके इस दुनिया में नहीं रहने के बाद आपके अकाउंट का क्या होता है, इसके डेटा का क्या होता है? मरने के बाद सोशल मीडिया कंपनियां लोगों के डेटा का क्या करती हैं? किसी इंसान के मरने के बाद उसके गूगल और एप्पल (के क्लाउड सर्विस), फेसबुक पर सेव हुए डेटा का क्या होता होगा?
मरने के बाद अकाउंट का क्या होता है?
गूगल या किसी भी अन्य कंपनी के पास ऐसा कोई टूल नहीं है जिससे किसी के मरने के बारे में तुरंत जानकारी हासिल हो सके. यदि कोई गूगल अकाउंट लंबे समय से एक्टिव नहीं है यानी किसी अकाउंट के जरिए गूगल मैप्स, जीमेल, गूगल ड्राइव, सर्च आदि का इस्तेमाल लंबे समय से नहीं हो रहा है तो ऐसे अकाउंट को इनएक्टिव अकाउंट की कैटेगरी में डाल देता है. गूगल यह मान लेता है कि इस अकाउंट का मालिक अब इस दुनिया में नहीं है, लेकिन गूगल इस बात की सुविधा भी देता है कि मरने के बाद किसी के डिजिटल डाटा यानी जीमेल आदि पर इसका हक होगा.
इसके लिए गूगल के पास एक फीचर है, जिसके जरिए आप यह तय कर सकते हैं कि आपके मरने के बाद आपके डाटा को कौन संभालेगा और जीमेल आदि को कौन एक्सेस करेगा. गूगल के इस फीचर को आप myaccount.google.com/inactive पर जाकर एक्सेस कर सकते हैं. आप अधिकतम 18 महीने का वक्त तय कर सकते हैं यानी यदि 18 महीने तक आपका अकाउंट एक्सेस नहीं होता है तो myaccount.google.com/inactive के जरिए आपने जिसके साथ पासवर्ड शेयर किया है, वह आपके अकाउंट को एक्सेस कर पाएगा. इस लिंक को ओपन करके आपको उस इंसान की ई-मेल आईडी, फोन नंबर आदि डालना होगा जिसे आप अपने अकाउंट को सौंपना चाहते हैं. वसीयत के तौर पर गूगल 10 लोगों के नाम को जोड़ने का विकल्प देता है.
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फेसबुक अकाउंट का क्या होगा?
फेसबुक के पास भी इसी तरह का एक फीचर है, जिसे ‘legacy contact’ नाम दिया गया है. इस फीचर के जरिए आप विरासत के तौर पर अपना फेसबुक अकाउंट अपने परिवार के सदस्य या किसी दोस्त को सौंप सकते हैं. आपके द्वारा चयनित व्यक्ति आपके ना रहने के बाद भी आपके फेसबुक अकाउंट को मैनेज कर पाएगा, हालांकि वह व्यक्ति सिर्फ प्रोफाइल पिक्चर, कवर फोटो अपडेट, दोस्तों की फ्रेंड रिक्वेस्ट का जवाब देने भर का काम ही कर पाएगा. आपके प्राइवेट मैसेज को नहीं पढ़ पाएगा.
कैसे शेयर करें अपने डेटा?
गूगल यूजर्स को एक विश्वसनीय व्यक्ति के साथ अकाउंट और उसका डेटा शेयर करने का ऑप्शन देता है या वे गूगल से ये भी कह सकते हैं कि खाता निष्क्रिय होने पर उस डाटा को हटा दिया जाए. एक अच्छा फीचर ये भी है कि गूगल यूजर को अकाउंट को निष्क्रिय मानने के लिए एडिशनल वेटिंग पीरियड निर्धारित करने की अनुमति देता है. जिसे कि यूजर्स अधिकतम 18 महीने तक चुन सकते हैं. आइए समझते हैं कि आप इस ऑप्शन का इस्तेमाल कैसे कर सकते हैं.
- अपने डेटा को मैनेज करने के लिए आपको google.com/inactive पर जाना होगा. अपना विकल्प चुनते वक्त इस बात का ध्यान रखें कि आप ऐसे ही व्यक्ति को चुनें जिस पर आपको पूरा भरोसा हो.
- एक बार जब आप ऊपर दिए गए लिंक पर जाते हैं, तो आपको सबसे पहले इनएक्टिव, ईमेल आईडी, फोन नंबर और अन्य डिटेल्स के लिए वेटिंग पीरियड भरना होगा.
- गूगल आपको अधिकतम 10 लोगों को चुनने का विकल्प देगा, जिन्हें आप सूचित करना चाहते हैं जब आपका गूगल खाता निष्क्रिय हो जाता है और अब आप खाते का इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं.
डेटा एक्सेस करने की अनुमति दे सकते हैं
आप अपने कुछ डेटा का एक्सेस किसी और को देने के साथ उसे इस बात की भी अनुमति दे सकते हैं कि वो इसे डाउनलोड कर सके. इसके लिए एक विश्वसनीय ईमेल आईडी की आवश्यकता होती है. हालांकि गूगल यह ऑप्शन भी देता है कि आप किसी को भी अपने डेटा का एक्सेस न दें. इसके लिए आपको किसी भी ईमेल आईडी को लिखने की जरूरत नहीं है. इसका मतलब यह होगा कि आपका डेटा हटा दिया जाएगा और आपका खाता इनएक्टिव होने के बाद कोई भी इसे कभी भी रिस्टोर नहीं कर पाएगा.
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कितना एक्सेस दिया जा सकेगा?
आप अपने गूगल पे, गूगल फोटोज, गूगल चैट, लोकेशन हिस्ट्री, गूगल सर्च हिस्ट्री और बाकी उन सभी चीजों का एक्सेस दे सकते हैं, जिनपर आपने कभी अपनी गूगल आईडी का इस्तेमाल किया हो. यहां गौर करने वाली बात ये है कि आप जिस व्यक्ति को अपने गूगल अकाउंट का एक्सेस देते हैं वो आपके गूगल अकाउंट के इनएक्टिव होने के बाद सिर्फ तीन महीने तक ही आपके अकाउंट को एक्सेस कर सकेगा.
मेल भेजेगा गूगल
जब आप गूगल पर सेटअप करेंगे तो आपको एक Subject line और कंटेंट लिखना होगा जो कि एक मेल के रूप में आपके उस विश्वसनीय कॉन्टैक्ट को भेजा जाएगा. गूगल का कहना है कि वह उस ईमेल में एक संदेश जोड़ देगा, जो कि मेल रिसीव करने वाले को ये बताएगा कि आपने अपने खाते का उपयोग बंद करने के बाद अपना एक्सेस उन्हें सौंपा है.