Ranchi: पंचायती राज संस्थाओं के सुचारू संचालन के लिए 526 जूनियर इंजीनियरों एवं 869 लेखा लिपिकों की बहाली की जानी थी. लेकिन कोरोना महामारी की वजह से बहाली लटक गई है. जिसका प्रभाव पंचायत में चलने वाली विकास योजनाओं पर पड़ा है. दिंसबर 2020 में 15वें वित्त आयोग से मिले अनुदान को भी पंचायत के द्वारा विकास कार्य में खर्च नहीं किया जा सका है. झारखंड के करीब सभी पंचायतों में विकास योजनाओं के लिए मिली 20 से 25 लाख रूपये पड़े हुए हैं.
पंचायतों में होनी थी लेखा लिपिक और कंप्यूटर ऑपरेटर की बहाली
15वें वित अयोग से मिली अनुदान से पंचायतो में अनिवार्य गतिविधियों के संचालन को लेकर पंचायतों में कनीय अभियंता एवं लेखा लिपिक सह कंप्यूटर ऑपरेटर की संविदा पर नियुक्ति होनी थी. पंचायतों में कनीय अभियंता एवं लेखा लिपिक सह कंप्यूटर ऑपरेटर नहीं होने से पंचायत में संचालित विकास योजनाएं पूरी तरह ठप हैं.
पंचायती राज निदेशालय ने शुरू की थी नियुक्ति प्रक्रिया
पंचायतों में योगदान देने के लिए पंचायती राज निदेशालय ने कनीय अभियंता एवं लेखा लिपिक सह कंप्यूटर ऑपरेटर नियुक्ति प्रक्रिया शुरू की थी. इसके लिये जिला स्तरीय पैनल में चयन को लेकर योग्य अभ्यर्थियों से आवेदन पत्र आमंत्रित भी किये गये. आवेदन जमा करने की अंतिम तिथि 23 मार्च 2021 रखी गई थी. जिला स्तर पर लेखा लिपिकों की नियुक्ति के लिए उपायुक्त की अध्यक्षता में कमेटी का गठन किया गया था. जूनियर इंजीनियर को 17 हजार का मासिक मानदेय एवं लेखा लिपिकों को 10 हजार का मासिक मानदेय दिया जाना है. चयन के लिये 20 अप्रैल 2021 को परीक्षा आयोजन की तिथि भी जारी की गई थी.
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पंचायती राज निदेशालय ने जारी की थी अधिसूचना
सूबे में 526 जूनियर इंजीनियरों के अलावा 869 लेखा लिपिकों की नियुक्ति होनी है. ये नियुक्तियां अनुबंध पर किया जाना था. राज्य के हर प्रखंड में 2-2 जूनियर इंजीनियरों की नियुक्ति होनी है. इसी तरह हर 5 पंचायत पर एक लेखा लिपिक सह कंप्यूटर ऑपरेटर की नियुक्ति होनी है.
कोरोना संक्रमण की वजह से स्थागित हुई परीक्षा
मिली जानकारी के अनुसार कोरोना संक्रमण की वजह से चयन के लिए जिला स्तर पर आयोजित होने वाली परीक्षा को स्थागित किया गया है. जैसे ही कोरोना संक्रमण की रफ्तार कम होगी वैसे ही चयन के लिये परीक्षा आयोजित की जायेगी.
क्या कहते हैं अभ्यर्थी
गिरीडिह के चंदन कुमार कहते हैं कोरोना संक्रमण में पंचायतों में काम में तेजी लाने की जरूरत थी. लेकिन राज्य सरकार की कार्यशैली की वजह से झारखंड में पंचायत के कार्य पूरी तरह ठप हैं. कोरोना संक्रमण का बहाना कर जूनियर इंजीनियरों एवं लेखा लिपिकों की नियुक्ति ग्रामीण विभाग की ओर से टाल दिया गया है. नियुक्ति नहीं होने की वजह से पंचायत के काम प्रभावित हो रहे हैं.
क्या कहते हैं झारखंड मुखिया संघ के अध्यक्ष विकास महतो
15वें वित आयोग से मिली राशि से पंचायतों में विकास कार्य नहीं चल पा रहा है. इसकी वजह पंचायतों में कनीय अभियंता एवं लेखा लिपिक सह कंप्यूटर ऑपरेटर का नहीं होना है. सूबे के सभी पंचायतों में 15वें वित आयोग से दिंसबर 2020 में मिली राशि तस की तस पड़ी है. सरकार तत्काल पंचायतों में कनीय अभियंता एवं लेखा लिपिक सह कंप्यूटर ऑपरेटर को नियुक्त करे. नियुक्ति नहीं होने काखामियाजा झारखंड की ग्रामीण जनता भुगत रही है.
इस संबंध में मैंने मुख्यमंत्री जी के कार्यक्रम प्रधानों के साथ वर्चुअल मीटिंग में सुझाव भी दिया था।
अभी भी समय है सरकार चाहे तो ग्रामीण इलाकों में योजनाओं की बाढ़ आ सकती है।