MANOJ KUMAR
KODERMA : यूँ तो कोडरमा प्राकृतिक खूबसूरती और खनिज संपदा के लिये समूचे विश्व में प्रसिद्ध है और दूर-दूर से लोग यहाँ के तिलैया डैम के दिलकश नजारे को देखने आते है. नये वर्ष के आगमन के आगाज के साथ ही तिलैया डैम के हसीन वादियों में विदेशी मेहमानों (माइग्रेटरी बर्ड्स) का समूह अपना वसेरा बनाना शुरू कर दिया है.
इसे भी पढ़ें –लापता नाबालिग का शव बरामद, परिजनों ने छतरपुर एनएच 98 मेदिनीनगर- पटना मुख्य मार्ग को किया जाम
सात समंदर पार से आते है पक्षी
प्रत्येक वर्ष तिलैया डैम और इसके कैचमेंट एरिया में माइग्रेटरी पक्षी हज़ारों की संख्या में सात समंदर पार कर हज़ारो मिल का सफर तय कर आते है. तकरीबन मार्च के महीने तक यहाँ से वापस लौट जाते है. इस वर्ष ये मेहमान अच्छी संख्या में आ चुके है जिनका दीदार डैम के तट पर किया जा सकता है.
इसे भी पढ़ें –फायदे की बातः घर बैठे बेचें अपना प्रोडक्ट और बनायें कमायी का जरिया
विदेशी पक्षियां चाइना,लद्दाख समेत कई देशों से आते है
पक्षियों के जानकार कोडरमा निवासी इंद्रजीत सामंता के साथ डैम क्षेत्र में नाव से जाकर कैमरे में कैद की गई यह तस्वीर इनकी खूबसूरती बयां करती है. सामंता की माने तो अभी विदेशो से आने वाले पक्षियों में चाइना व लद्दाख से गेडवाल, कॉमन पोचार्ड हनी वज़ार्ड के अलावे यूरोपियन क्षेत्र से आये मेहमान भी शामिल है. अमूमन इस क्षेत्र में मंगोलिया , लद्दाख, चाइना, पाकिस्तान से पक्षी आते है. जिनकी संख्या 10 हज़ार से भी अधिक होती है. जनवरी के महीने में इनकी उपस्थिति सर्वाधिक होती है. मार्च के मध्य तक इन पक्षियों को देखा जा सकता है.
इसे भी पढ़ें –TPC ने आम्रपाली कोल परियोजना में की पोस्टरबाजी, 4 दिनों तक कोयले का उत्खनन और परिवहन बन्द रखने की दी चेतावनी
तिलैया डैम को इम्पोर्टेन्ट बर्ड एरिया के रूप में चिन्हित किया गया है
बता दें कि तिलैया डैम को वर्ष 2017 में इंटरनेशनल यूनियन फॉर कंसर्वेशन ऑफ नेचर के द्वारा इम्पोर्टेन्ट बर्ड एरिया के रूप में चिन्हित किया गया है. माइग्रेटरी बर्ड्स के लिये पसंदीदा इस क्षेत्र को विकसित करने के लिये वन विभाग भी प्रयासरत है.
इसे भी पढ़ें –देर रात युवक की गला रेत कर हत्या, पुलिस कर रही मामले की जांच
वॉच टॉवर का कराया जायेगा निर्माण
कोडरमा के डीविजनल वन पदाधिकारी (DFO) सूरज कुमार सिंह ने कहा कि विदेशी पक्षियों का अच्छी संख्या में आना पर्यावरण के दृष्टिकोण से बढ़िया संकेत है. उन्होंने बताया कि विभाग विदेशी पक्षियों के लिये इस स्थान को और भी उपयुक्त बनाने की दिशा में कवायद कर रही है. ताकि इनकी संख्या में उत्तरोत्तर वृद्धि हो और इस क्षेत्र में पर्यटन को भी बढ़ावा मिले. डी एफ ओ ने बताया कि विभाग इस वर्ष इन पक्षियों का सेन्सस करायेगी ताकि इनकी संख्या और प्रजाति का पता चल सके. उन्होंने कहा कि बहुत जल्द ही एक वॉच टॉवर का निर्माण कराया जायेगा. जिससे आम लोग भी इन पक्षियों की खूबसूरती का नजारा देख सकेंगें.
इसे भी पढ़ें –कृषि कानून: यह सिर्फ किसानों का मुद्दा नहीं, देश के 90 करोड़ लोगों से जुड़ा है, कैसे? समझें इस लेख में