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कोडरमा : फर्जी तरीके से मुआवजा निकासी की होगी जांच, टीम का गठन

Koderma: जिले में फर्जी तरीके से जमीन का मुआवजा निकासी का मामला प्रकाश में आयो है. जिसके लेकर उपायुक्त ने जांच दल का गठन भी किया है. उपायुक्त ने ये जांच दल अपर समाहर्ता की अध्यक्षता में बनाया है. जो फर्जी तरीके से की गई मुआवजा निकासी की जांच करेगा. आरोप लगाया गया है कि, जमीन के मुआवजा मूल मालिक को नहीं देकर किसी और को दे दिया गया है. अंचल कार्यालय से एलपीसी नितेश चन्द्रवंशी के नाम से निकासी का आरोप लगाया है. आपको बता दें कि ये जमीन जो राँची-पटना रोड बनाने के लिए आधा डीसमील जमीन सरकार द्वारा अधिग्रहण किया गया था. जिसके लिए मुआवजा मूल मालिक को ना देकर, किसी केवालादार और नितेश चन्द्रवंशी को दे दिया गया. वरुण कुमार सिंह, पिता स्वर्गीय देवेन्द्र सिंह, ग्राम गुमो झुमरी तिलैया ने एक परिवाद पत्र से गोविंद सिंह, पिता धनी सिंह के नाम से खाता नंबर-59, प्लॉट नं. 696 की जमीन का जिला भू-अर्जन कार्यालय द्वारा नितेश चंद्रवंशी को फर्जी तरीके से मुआवजा देने का आरोप लगाया है. इसे भी पढ़ें- आधुनिक">https://lagatar.in/adhunik-captures-land-of-substation-pond-compensation-not-given-to-displaced-memorandum-to-minister/24304/">आधुनिक

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जमीन किसी की, मुआवजा किसी और को कैसे ?

परिवादी द्वारा परिवाद पत्र में यह उल्लेख किया है कि, प्रश्नगत भूमि दिनांक 26-12-1978 को केवाला संख्या 9006 के माध्यम से प्राप्त है, जिस पर दाखिल खारिज करवाकर सरकारी मालगुजारी रसीद निगत होता चला आ रहा है. परन्तु उसी जमीन को नारायण राम व बद्री राम दोनों को पिता स्व. तालो राम एवं राजु राम पिता- स्व. नारायण राम गुमो निवासी नितेश चन्द्रवंशी, पिता-नारायण राम को फर्जी तरीके से एक साजिश के तहत बिक्री किया गया है. आवेदक ने आरोप लगाया है कि प्रश्नगत भूमि पंजी-॥ में उनके दादा गोविन्द सिंह के नाम से दर्ज है. इसे भी पढ़ें- कोडरमा">https://lagatar.in/koderma-district-level-committee-meeting-on-chief-ministers-livestock-development-scheme-instructions-issued/25828/">कोडरमा

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फर्जी तरीके से निकासी की जांच के लिए टीम गठित

जमीन के मुआवजे के मामले की गहन जांच के लिए उपायुक्त रमेश घोलप के निदेशानुसार अपर समाहर्ता, कोडरमा की अध्यक्षता में जांच दल का गठन किया गया है. जिसमें अपर समाहर्ता, अनुमण्डल पदाधिकारी, जिला भू-अर्जन पदाधिकारी, अवर निबंधक, अंचल अधिकारी कोडरमा शामिल हैं. उपायुक्त ने जांच दल को निर्देश दिया है कि, परिवाद पत्र में वर्णित बिन्दुओं के आलोक में प्रश्नगत भूमि की स्थलीय एवं अभिलेखीय जांच की जाए. उसके बाद सुस्पष्ट मंतव्य सहित संयुक्त जांच प्रतिवेदन एक सप्ताह के अंदर उपलब्ध कराना सुनिश्चित करेंगे. इसे भी पढ़ें- सरायकेला:">https://lagatar.in/seraikela-an-encounter-between-the-police-and-a-squad-of-10-lakh-naxalite-maharaj-pramanik/25867/">सरायकेला:

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