Koderma: कोडरमा के सतगावां प्रखंड का थप्पड़ कांड का मामला दिनोंदिनों बढ़ता ही जा रहा है. शनिवार को जांच टीम ने पीड़ित से पूछताछ की थी. प्रखंड कार्यालय से निकलने के बाद पीड़ित ने कुछ भी बताने से इनकार कर दिया था.
इस मामले पर सोमवार को पीड़ित ने बताया कि आरोप से मुकरने की वजह सतगावां बीडीओ द्वारा दबाव बनाया जाना था. एक ऑडियो में पीड़ित नरेश यादव ने स्वीकार किया है कि कुछ अधिकारी जिनमें सतगावां बीडीओ शामिल थे, उनके दबाव की वजह से उसने अपना आरोप वापस ले लिया. तब उसने जांच के दौरान दिये कागजात पर साइन किया. बता दें कि कि 8 सितंबर को नरेश यादव ने उपायुक्त को आवेदन देकर आरोप लगाया था कि कोर्ट में सुनवाई के दौरान कोडरमा एसडीओ मनीष कुमार ने उन्हें थप्पड़ मारा था. यह मामला राजनीतिक हलकों के साथ ही मीडिया में भी काफी चर्चित हुआ था. इसके बाद डीसी के निर्देश पर जांच टीम गठित हुई. टीम शनिवार को सतगावां पहुंची नरेश यादव से बंद कमरे में पूछताछ की.
इसे भी पढ़ें- बाबूलाल मरांडी का झामुमो-कांग्रेस पर प्रहार, कहा- खरीददार व विक्रेता मिलकर लूट रहे झारखंड
नरेश का हस्ताक्षरित बयान जारी किया था
बताया जाता है कि बाद में इस टीम ने एक कंप्यूटर से टाइप किया हुआ और नरेश का हस्ताक्षरित बयान जारी किया. इसमें कहा गया कि नरेश यादव ने अपना बयान वापस ले लिया है. यह भी कहा था कि कोडरमा उपायुक्त को जो बयान और आवेदन उसने दिया था वह गलती से दिया था और इसके लिए उसने क्षमा मांगी थी. इस मामले पर सतगावां बीडीओ बैजनाथ उरांव से पूछे जाने पर इनकार किया. कहा कि उन्होंने किसी तरह का दबाव नहीं बनाया था. स्थानीय लोगों और राजनीतिक नेताओं कार्यकर्ताओं ने इस पूरे प्रकरण की उच्चस्तरीय जांच कराने की मांग की है. वरीय सामाजिक कार्यकर्ता और राज्य अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व सदस्य साजिद हुसैन लल्लू ने कहा कि स्पष्ट है कि पीड़ित नरेश पर दबाव देकर उससे अपना बयान वापस लिया गया. इसकी जांच होनी चाहिए.
इसे भी पढ़ें- झामुमो: विधायक सुखराम उरांव बने पश्चिम सिंहभूम के जिलाध्यक्ष, आंदोलनकारी भुवनेश्वर महतो किए गए निलंबन मुक्त