Koderma : चंदवारा प्रखंड के विभिन्न क्षेत्रों में विश्वकर्मा पूजा बड़े ही धूमधाम से मनाया गया. वहीं मदनगुंडी गांव के शिव मंदिर परिसर में जय माँ अम्बे पथ परिवहन समिति द्वारा बड़ा सा पंडाल बना कर भगवान विश्वकर्मा की प्रतिमा स्थापित कर पूजा अर्चना की गई. वहीं जय माँ अम्बे पथ परिवहन समिति द्वारा हर साल की भांति इस वर्ष भी आर्केस्ट्रा कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इसमें धनबाद, आसनसोल से आए हुए कलाकारों ने एक से बढ़कर एक नृत्य प्रस्तुत किये. वहीं दर्शकों ने कार्यक्रम को देखकर भरपूर आनंद लिया. कार्यक्रम की शुरुआत भक्ति गीतों से हुई. मौके पर मुखिया रामदेव यादव, समिति के अध्यक्ष अशोक पासवान, सचिव रिंकू पंडित, बब्लू पंडित, ओमप्रकाश सिंह, राजू पंडित, महेंद्र पंडित, राजू पासवान, काली यादव, मनोज कुमार राणा, हीरालाल पंडित, महेश यादव, विनय पंडित, सुदामा रजक आदि लोग मौजूद थे.
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ढिबरा बंद होने से हजारों मजदूरों के सामने भुखमरी की स्थिति : सईद नसीम
Koderma : कोई भी सरकार नीति बनाती है. जनता का भला हो, रोज़गार मिले लेकिन पूर्ववर्ती राज्य सरकार के जनविरोधी आदेश ने हजारों परिवार के समक्ष रोजी रोटी का संकट पैदा कर दिया है. उन्हें अपने और अपने परिवारों के भविष्य अंधकारमय होते दिखने लगा है. ऐसे में वर्तमान की लोकप्रिय सरकार के हेमंत सोरेन से ही आशा बंधती है कि कोडरमा में उजड़ते रोजगार को लचीला रुख अपना कर रोजगारों को पुर्नजीवित किया जाय. उक्त बातें कांग्रेस नेता सईद नसीम ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा. उन्होंने कहा कि वर्ष 2010 में कोडरमा के तत्कालीन उपायुक्त शिवशंकर तिवारी के कार्यकाल में माइका के छोटे स्क्रैप ढिबरा को एवं इसके कारोबार पर सबसे ज्यादा प्रतिबंध लगा. तब यहां के व्यवसायियों का शिष्टमंडल कई बार सरकार के मंत्रियों से मिलने गए, लेकिन पर्यावरण की दुहाई देकर इसे पूरी तरह अनसुना कर दिया गया. माइका पर आधारित उद्योग मिटको सरकारी उदासीनता के कारण 2002 से बंद पड़ा है.
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कांग्रेस नेता ने भाजपा पर साधा निशाना
कांग्रेस नेता ने कहा कि वर्ष 2003 में बाबूलाल मरांडी की सरकार के दौरान जेएसएमडीसी द्वारा संचालित माइका खदान बंदरचुआ, पेसरा यूसी, सुग्गी, खलखथंबी और गम्हारो को बंद कर दिया गया. वर्तमान में सभी दल के लोग माइका उद्योग की बदहाली, जंगलों से ढिबरा चुननेवालों पर पुलिस एवं वन विभाग की रोक के विरुद्ध आवाज उठा रहे हैं. लेकिन दिलचस्प बात है कि ज़ब भाजपा और उसके गठबंधन के लोग सरकार में थे तब कभी उन्हें इस मुद्दे की याद नहीं आयी. आज भी कोडरमा में सांसद विधायक भाजपा से ही हैं. इन जनमुद्दे पर पूर्व की तरह चुप है. कांग्रेस नेता ने हेमंत सरकार से अपील की कि वन कानूनों में आवश्यक संशोधन करने की दिशा में पहल करे. या फिर ग्रामीणों को पहले रोजगार की स्थाई व्यवस्था करे. कोडरमा और गिरिडीह जिला में हजारों परिवार की आजीविका का मुख्य साधन ढिबरा स्क्रैप है. सईद नसीम ने कहा कि ढिबरा का लोग उत्खनन नहीं करते हैं, बल्कि इसे बंद खदानों के बाहर जमा किए गए ढेर से चुनकर लाते हैं.