Chaibasa : कोल्हान विश्वविद्यालय प्रशासन ने रांची की आउटसोर्सिंग कंपनी राइडर के कार्य में लापरवाही तथा डीपीआर के तहत कार्य नहीं करने का आरोप लगाते हुए उसे बाहर का रास्ता दिखा दिया है. साथ ही उसके टेंडर को कैंसिल कर दिया गया है. इस कंपनी के साथ विवि का अनुबंध एक साल का था, लेकिन उसे छह माह में ही बाहर कर दिया गया. उक्त कंपनी ने कोल्हान विवि और पीजी विभाग के 98 शौचालय में सफाई का काम करवाने का टेंडर लिया था. लेकिन गुणवत्तापूर्ण काम नहीं करने पर उसे हटा दिया गया. इसके अलावा एजेंसी सफाई कर्मियों को मानदेय का भुगतान भी समय पर नहीं कर रही थी. विवि में कार्यरत सफाई कर्मियों को पिछले तीन माह से भुगतान नहीं किया गया है. ऐसे ही मामलों का लगातार शिाकायत मिलने के बाद विवि प्रशासन ने कार्रवाई करते हुए उसे हटा दिया. अब विवि नए सिरे से टेंडर निकालने की प्रक्रिया शुरू करेगा.
एजेंसी के पदाधिकारी विश्वविद्यालय का लगा रहे चक्कर
कोल्हान विवि में राइडर एजेंसी के पदाधिकारी टेंडर रद्द होने के बाद विवि का चक्कर लगा रहे हैं. कभी सीसीडीसी कार्यालय तो कभी कुलसचिव कार्यालय का चक्कर लगा रहे हैं. मालूम हो कि विवि में कुल 98 शौचालय हैं. इसमें प्रत्येक माह प्रति शौचालय के लिये 800 रुपये विवि की ओर से दिया जाता था. लेकिन इसके बावजूद भी गुणवत्तापूर्ण सफाई नहीं होती थी न ही सफाई कर्मियों को समय पर मानदेय दिया जाता था.